Uttarakhand News- Dehradun/ Pithoragarh Bureau: देहरादून/पिथौरागढ़, ब्यूरो। उत्तराखंड में सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं (Uttarakhand’s Health System) का राज्य गठन के करीब 23 साल पूरे होने के बाद भी बुरे हाल हैं। आए दिन बीमार लोगों की अक्सर अस्पताल पहुंचने पहले ही सांसें थम जाती हैं। कई बार अस्पताल पहुंचने के बाद भी मरीजों को समय पर Uttarakhand’s Health System से इलाज न मिल पाने के कारण वह बेमौत मारे जाते हैं। उत्तराखंड से ऐसी ही आज दो दर्दनाक खबरें सामने आ रही हैं।
उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में पहुंचने के बाद भी उपचार न मिलने के कारण दो बच्चों की अस्पताल में ही मौत हो गई। एक दर्दनाक खबर देहरादून के ऋषिकेश जबकि दूसरी खबर पिथौरागढ़ जिला अस्पताल (Uttarakhand’s Health System) से सामने आ रही है।
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इमरजेंसी वार्ड में भी बच्चे को नहीं मिला उपचार
एक बच्ची की मौत का वीडियो विगत शनिवार का बताया जा रहा है। इसमें पिथौरागढ़ के जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में बच्चे को उपचार न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई। लापरवाही का आलम इस कदर है कि बच्चे को इमरजेंसी में इलाज देने की बजाय ओपीडी में भेज दिया गया।
इस वीडियो में एक बच्चे का पिता अपने बेटे का शव गोद में लेकर बैठ जोर-जोर से विलाप कर रहा है। यह दर्दनाक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो पर लोग उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं और अस्पतालों में किए जा रहे व्यवहार और कार्यप्रणाली को लेकर तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं।
Uttarakhand’s Health System: ऑफिसर्स किसी लापरवाही से कर रहे इनकार
दूसरी ओर इस संबंध में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जेएस नबियाल ऐसी किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चे की हर स्तर से जांच करवा कर इलाज किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि बच्चे की मौत ब्लड से संबंधित बीमारी के कारण हुई है। यह वीडियो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
Uttarakhand’s Health System: आधे घंटे लाइन में, नहीं मिला इलाज
वहीं, दूसरी खबर देहरादून जनपद के योग नगरी के नाम से विख्यात ऋषिकेश के राजकीय चिकित्सालय से सामने आ रही है। यहां पर भी एक बच्ची की उपचार के दौरान मौत (Uttarakhand’s Health System) हो गई। आरोप है कि 8 माह की बच्ची को समय पर डॉक्टरों ने नहीं देखा। उसके परिजन करीब आधे घंटे तक लाइन में खड़े रहे। फिर भी उन्हें उपचार नहीं मिल पाया। इससे उसकी मौत हो गई।
बच्ची की के पिता राजकुमार और मां सीमा ने अस्पताल की इमरजेंसी सेवाओं पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि कल देर रात खून की उल्टी होने के कारण बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल की इमरजेंसी में एडमिट किया गया था।
Uttarakhand’s Health System पर सवाल: बाल रोग विशेषज्ञ को नहीं बुलाया
वहां पर बाल रोग विशेषज्ञ को अस्पताल प्रबंधन ने नहीं बुलाया। इससे अगले दिन बच्ची ने दम तोड़ दिया। बच्ची के पिता ने Uttarakhand’s Health System की ओर से उपचार में लापरवाही के कारण हुई मौत का आरोप लगाते हुए एक पत्र कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवि कुमार सैनी को दिया है। उन्होंने इस केस में CMO देहरादून से नियमानुसार जांच करवाने और लापरवाही के लिए दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जबकि इस संबंध में ऋषिकेश राजकीय अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पीके चंदोला का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है। इस केस की जांच की जाएगी। जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सीएमओ को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।