Uttarakhand News: उत्तराखंड में इस साल जापानी इंसेफेलाइटिस से पहली मौत का मामला सामने आया है। काशीपुर निवासी एक 60 वर्षीय बुजुर्ग की इस बीमारी से मौत हुई है। इस मामले का सामने आने से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं।
Uttarakhand News: एसटीएच में हुई मरीज की मौत
सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में एक सप्ताह पहले काशीपुर निवासी 60 वर्षीय एक बुजुर्ग को यहां भर्ती किया गया। इस बुजुर्ग में जापानी इंसेफेलाइटिस की बीमारी की पुष्टि हुई थी। मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए उसे यहां वेंटीलेटर पर रखा गया था और उसका इलाज चल रहा था। लेकिन अब उस मरीज की इस बीमारी के कारण मौत हो गई है ( Uttarakhand News)।
Uttarakhand News: एक युवती में भी पाए गए इस बीमारी के लक्षण
सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में एक 22 वर्षीय युवती भर्ती है। इस युवती में भी जापानी इंसेफेलाइटिस बिमारी के लक्षण पाए गए हैं। अस्पताल प्रशासन ने इस बीमारी की पुष्टि की लिए सैंपल जांच के लिए भेजा हुआ है। बताया जा रहा है कि यह युवती नानकमत्ता की रहने वाली है और उसे भी वेंटीलेटर पर रखा गया है।
Uttarakhand News: क्या है जापानी इंसेफेलाइटिस
जापानी इंसेफेलाइटिस जिसे जापानी बुखार भी कहा जाता है, यह डेंगू और मलेरिया जैसे मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है। जापानी इंसेफेलाइटिस संक्रामक बीमारी नहीं है यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है। यह उन मच्छर से फैलती है जो फ्लेवीवायरस संक्रमित होते हैं। तेज बुखार का आना, गर्दन में अकड़न होना, सिरदर्द होना, बुखार आने पर घबराहट होना, ठंड के साथ कंपकंपी आना इसके प्रमुख लक्षण हैं और इसमें कई बार मरीज कोमा में भी चला जाता है। इस जापानी बुखार को लेकर सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इसके लक्षण फ्लेवीवायरस संक्रमित मच्छर के काटने के 5 से 15 दिनों में दिखाई देते हैं।
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