रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्तराखंड की फार्मा इंडस्ट्री को बड़ा झटका, सबसे बड़ा बाजार थे दोनों देश

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इन दोनों देशों में दवाओं के निर्यात के साथ ही कच्चे माल की होती थी भारी मात्रा में सप्लाई

देहरादून, ब्यूरो। रूस और यूक्रेन के युद्ध में जहां एक ओर चारों ओर तबाही का मंजर है। 137 से अधिक लोग पहले दिन युद्ध की विध्वसंकारी हाथियारों का शिकार होने के बाद अपनी जान गंवा चुके हैं। कई तरह के शेयर, सोना और एल्मुनियम के दाम में भारी इजाफा हो गया है। वहीं, उत्तराखंड की फार्मा इंडस्ट्री को इससे बहुत बड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के मोहब्बेवाला, सेलाकुई, हरिद्वार, पंतनगर रुद्रपुर, बहादराबाद आदि क्षेत्रों में फार्मा इंडस्ट्री की काफी बड़ी इकाईयां हैं। इन फार्मा इकाईयों में जहां रूस और यूक्रेन से कच्चा माल आयात किया जाता है वहीं, ये दो देश उत्तराखंड के फार्मा इंडस्ट्री के काफी बड़े बाजार भी हैं। यहां तमाम फार्मा इंडस्ट्री अपनी दवाइयां सप्लाई करती हैं। युद्ध के कारण जहां एक ओर कच्चा माल जहां-तहां फंस गया है वहीं फार्मा इकाईयां इन देशों में निर्यात भी नहीं कर पा रही हैं।

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देवभूमि एसोसिएशन आफ फार्मास्युटिकल मैनुफैक्चुरर्स के अध्यक्ष संदीप जैन का कहना है कि भारतीय दवा उद्योग में उत्तराखंड का हिस्सा करीब 20 फीसद है। रूस व यूक्रेन के युद्ध के चलते पूरा सेक्टर प्रभावित हो गया है। बड़ी मुश्किल यह है कि अन्य सीआइएस देशों के लिए माल की आपूर्ति भी रूस व यूक्रेन से की जाती है। नाजुक हालात के बीच आपूर्ति संभव नहीं है। जिसका खामियाजा पूरा फार्मा सेक्टर उठाता दिख रहा है। आपको बता दें उत्तराखंड राज्य में 300 से अधिक फार्मा इकाईयां हैं। इनमें से 200 के करीब इकाइयां हरिद्वार के रोशनाबाद, भगवानपुर, बहादराबाद और अन्य इंडस्ट्रियल इलाकों में मौजूद हैं।

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उत्तराखंड की फार्मा इंडस्ट्री रूस, यूक्रेन के साथ अर्मीनिया, अजरबैजान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, माल्डोवा, ताजिकिस्तान, तुर्केमिस्तान, उज्बेकिस्तान को करीब 100 प्रकार की दवाएं और उनसे संबंधित वस्तुओं का निर्यात करती रही हैं।