उत्तराखण्ड के इस खिलाड़ी ने विश्व चैंपियनशिप में रचा ये इतिहास

उत्तराखंड हमेशा से ही देश और विदेश में अपना नाम रोशन करता आया है। इसी बीच उत्तराखण्ड के लक्ष्य सेन ने BWF बैडमिंटन सीनियर विश्व चैंपियनशिप 2021 में एक नया इतिहास रचा है। लक्ष्य ने बैडमिंटन में शानदार प्रदशर्न दिखाते हुए उत्तराखंड का नाम रोसन किया। लक्ष्य की लगातार कोशिशे से उसका ओलिंपिक या वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतने का सपना ज़रूर पूरा होगा।

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्में सेन, बैडमिंटन परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता, डी के सेन, भारत में एक कोच हैं और उनके भाई चिराग सेन भी एक अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। लक्ष्य ने चाइना के झाओ जुन पेंग को दिल थमा देने वाले मैच में 21-15,15-21 22-20 से हराकर सेमीफाइनल में स्थान बनाकर सबसे युवा भारतीय होने का इतिहास बना दिया। सेमीफाइनल में किदांबी श्रीकांत और लक्ष्य सेन के बीच आमना-सामना होगा। इस चैंपियनशिप में भारत ने अपना मेडल पक्का कर लिया है।

किदांबी श्रीकांत और युवा लक्ष्य सेन ने शुक्रवार को यहां बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के पुरुष एकल के सेमीफाइनल में पहुंच कर नया इतिहास रचते हुए भारत के लिए कम-से-कम दो पदक पक्के किए हैं, लेकिन महिला एकल में भारत को निराशा हाथ लगी और मौजूदा चैंपियन पीवी सिंधु को क्वार्टर फाइनल में ताइ जु यिंग से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय बैडमिंटन के लिए बड़ी उपलब्धि हो सकती थी, अगर पुरुष एकल में भारत के तीसरे खिलाड़ी एचएस प्रणय क्वार्टर फाइनल में जीत जाते, लेकिन उन्हें सिंगापुर के कीन येव लोह से 43 मिनट में 14-21, 12-21 से हार का सामना करना पड़ा। लोह पुरुष एकल के दूसरे सेमीफाइनल में तीसरे वरीय डेनमार्क के एंडर्स एंटोनसेन से भिड़ेंगे।

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