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पौड़ी शिक्षा विभाग सवालों के घेरे में, शिक्षिका शीतल रावत के समर्थन में उतरे ग्रामीण और शिक्षक संगठन

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Uttarakhand Education System

Uttarakhand Education System: पौड़ी जिले में थलीसैंण ब्लॉक के बगवाड़ी प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापिका शीतल रावत पर शिक्षा विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग खुद की सवालों के घेरे में आ गया है। बिना स्पष्टीकरण के उन्हें सस्पेंड करने पर हर कोई सवाल खड़ा कर रहा  है तो अब शिक्षक संगठन और स्थानीय ग्रामीण भी उनके समर्थन में उतर गये हैं। बगवाड़ी के ग्रामीणों ने स्कूल पर तालाबंदी करने तक की चेतावनी दे डाली है।

Uttarakhand Education System ये है पूरा मामला

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Uttarakhand Education System 20 सितंबर को पौड़ी जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. आनन्द भारद्वाज ने थलीसैंण में बगवाड़ी प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया था। जिसमें वहां तैनात प्रधानाध्यापिका शीतल रावत स्कूल में अनुपस्थित थी। साथ ही मुख्य शिक्षा अधिकारी के अनुसार एक युवती को 2500 रुपये में उन्होंने स्कूल में पढ़ाने के लिए रखा हुआ था। जिसके बाद उन्होंने उप शिक्षा अधिकारी थलीसैंण को जांच करने के लिए कहा साथ ही उन्हें जांच करने के निर्देश दिये थे।

Uttarakhand Education System बिना स्पष्टीकरण के कर दिया निलंबित

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प्रधानाध्यापिका शीतल रावत के निलंबन पर पौड़ी शिक्षा विभाग पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे पहले कि 21 को ही विभाग शीतल रावत के ऊपर आरोप पत्र दाखिल करता है और 21 को ही उन्हें निलंबित कर देता है। जबकि नियमानुसार उनका स्पष्टीकरण विभाग को लेना चाहिए था। दूसरा कि शीतल रावत पर कार्रवाई की जानकारी उन्हें मीडिया से मिलती है विभाग से बाद में।

Uttarakhand Education System ये कहना है कि शीतल रावत का

अपने पर हुई कार्रवाई के बात प्रधानाध्यापिका शीतल रावत का कहना है कि जब सीईओ उनके विद्यालय में आये तब उनकी ड्यूटी ब्लॉक स्तरीय खेल प्रतियोगिता में लगी थी जिसका जिक्र स्कूल की उपस्थित पंजिका में भी था, जिसे सीईओ ने देखा भी उस पर साइन भी किये थे। विद्यालय में तैनात दूसरी शिक्षका माधुरी नेगी ने भी उन्हें ये जानकारी दी थी और उन्होंने खुद मिलकर भी बताया था कि वे खेल कूद प्रतियोगिता की ड्यूटी में थी, फिर विभाग ने उनके अनुपस्थित किस आधार पर कार्रवाई की। साथ ही उनका कहना है कि उनका परिवार थलीसैंण रहता है तो फिर उन पर अनावश्यक रूप से विद्यालय न रहने का झूठा आरोप विभाग लगा रहा है।

 Uttarakhand Education System स्कूल में पढ़ा रही युवती पर विवाद

सीईओ आनंद भारद्वाज से हमारी बात हुई तो उन्होंने कहा कि बिना एसएमसी के निर्णय वहां मधु रावत नाम की एक युवती स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए रखी हुई थी। जिसको 2500 प्रोत्साहन राशी शीतल रावत देती थी। इस मामले पर शीलत रावत का कहना है कि एसएमसी के निर्देश पर उसे रखा गया था, माधुरी नेगी सहायक अध्यापिका आने के बाद उसे हटाये जाने की बात उन्होंने कही थी लेकिन ग्राम पंचायत के कहने पर छात्र हित में उन्हें हटाया नहीं गया, गरीब ग्रामीणों पर बोझ न पड़े इसलिए वे और दूसरी अध्यापिका 1250-1250 मधु रावत को देते हैं। शीतल रावत ने साथ ही कहा कि उन्हें यह जानकारी उन्हें नहीं थी कि दूसरी अध्यापिका के आने पर मधु रावत के बने रहने के लिए विभाग से अनुमोदन लेना पड़ता है, अन्य अधिकारी भी वहां आये लेकिन उन्होंने कभी इसकी जानकारी नहीं दी। इस बार इस की जानकारी स्वयं सीईओ आनंद भारद्वाज ने उन्हें बताई और उनके कहने पर ही उसे हटा भी दिया गया है।

Uttarakhand Education System: ग्रामीण और शिक्षक संगठन आये शीतल रावत के समर्थन में

Uttarakhand Education System शीतल रावत के निलंबन के बाद स्थानीय शिक्षक संगठन उनके बचाव में आगे आ गया है उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी के जरिए मुख्य शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन भेजा। वहीं बगवाड़ी गांव के ग्रामीणों ने भी मुख्य शिक्षा अधिकारी से उनके निलंबन को जल्द वापस लेने की मांग की है और साथ ही ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि एक सप्ताह में विभाग आदेश निरस्त नहीं करता है कि छात्र और अभिभावक स्कूल में तालाबंदी कर उप शिक्षा अधिकारी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करेंगे।

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