Thursday, April 18, 2024
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कोरोना केस फिर घटे, मौत के मामलों ने बढ़ाई चिंता; देखें पूरा हेल्थ बुलेटिन…

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देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड में 1 दिन बाद विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। इस बीच कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। दूसरी ओर मौत के मामलों में भी कमी आई। एक दिन पहले जहां कोविड से दो लोगों की मौत हुई थी। वहीं, पिछले 24 घंटे की बात करें तो कोरोना से 6 लोगों की मौत हुई है। दो मौतें हिमालयन हाॅस्पिटल जौलीग्रांट जबकि दो मौतें कैलाश हाॅस्पिटल देहरादून में हुई हैं। राज्य में सबसे ज्यादा मामले रोज देहरादून में दर्ज किए जा रहे हैं।

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दूसरी ओर कोरोना के नए मामले घटकर 286 हो चुके हैं। आज 580 लोग कोरोना को हराकर रिकवर हुए हैं। अब राज्य में एक्टिव केस 6212 रह गए हैं। आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना के नए मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है। हालांकि पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड के लिए यह मामले भी काफी हैं, लेकिन मौतों की कभी घटती कभी बढ़ती संख्या स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा रहा है। देखा जाए तो कोविड-19 से रिकवर होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। देखें आज का कोरोना हेल्थ बुलिटिन…

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सीएम धामी और कलेर के बीच नोकझोंक, सत्ता का दुरुपयोग और पैसा बांटने का आरोप

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देहरादून/खटीमा, ब्यूरो। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव मतदान से 1 दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और आप प्रत्याशी एसएस कलेर के बीच तीखी नोकझोंक का एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। आप ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी यह वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में आप प्रत्याशी एसएस कलेर सीएम पुष्कर सिंह धामी पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं। चुनाव से 1 दिन पहले वायरल हो रही वीडियो में देखा जा सकता है कि दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हो रही है। हालांकि इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर किसी को कुछ भी नहीं बांट रहे हैं, लेकिन एसएस कलेर आरोप लगा रहे हैं कि मुख्यमंत्री क्षेत्र में पैसा बांट रहे हैं।

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साथ ही सीएम धामी चुनाव से एक दिन पहले सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं। आप प्रत्याशी एस एस कलेर ने लगाए धामी पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप। आप कार्यकर्ताओं ने धामी पर लगाया पैसे से वोट खरीदने का आरोप। आप भी देखिए वायरल हो रे वीडियो…

सीएम धामी और कलेर के बीच नोकझोंक, सत्ता का दुरुपयोग और पैसा बांटने का आरोप

मतदान का काउंटडाउन शुरू, 40000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात

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उत्तराखंड में 82 लाख से ज्यादा मतदाता कल सुबह आठ से शाम छह बजे तक चुनेंगे अपना विधायक
उत्तराखंड राज्य में बनाए गए 150 आदर्श पोलिंग बूथ और 100 सखी पोलिंग बूथ

देहरादून/चमोली/बागेश्वरः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के मतदान के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या जावलकर ने बताया कि सुबह 8ः00 बजे से शाम 6ः00 बजे तक प्रदेश में वोटिंग होगी। राज्य में 81 लाख 72 हजार 173 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे। मतदान के लिए प्रदेश में 11697 पोलिंग सेंटर्स बनाये गए हैं। 36 हजार 95 सुरक्षा कर्मी मतदान प्रक्रिया को सम्पन्न कराएंगे। चुनाव में राजपत्रित अधिकारी 88 लगाए गए हैं। 182 इंस्पेक्टर किए गए तैनात। 1602 सब इंस्पेक्टर, 629 महिला सब इंस्पेक्टर, 1103 हेड कांस्टेबल, 10015 कॉन्स्टेबल, 1812 महिला कॉन्स्टेबल, 84 फॉरेस्ट दरोगा, 823 फॉरेस्ट गार्ड, पीएसी की 23 कंपनी और सीएपीएफ की 114 कंपनी तैनात की गई हैं।

आपको बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के मतदान से कई पार्टियां दो दिन पहले तो कई एक दिन पहले सभी पोलिंग स्टेशन के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना हो गई है। प्रदेश के 81 लाख से ज्यादा मतदाता अपने मत का 14 फरवरी को प्रयोग करेंगे। प्रदेश में 11500 से ज्यादा पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। कोरोना को देखते हुए इस बार प्रदेश में भारत सबसे ज्यादा अतिरिक्त पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज से पोलिंग पार्टियां सभी क्षेत्रों के लिए रवाना की गई। इस बार उत्तराखंड में चुनाव प्रक्रिया को संपन्न करने के लिए 40,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को लगाया गया है।

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्य में 150 आदर्श पोलिंग बूथ और 100 सखी पोलिंग बूथ स्थापित किये गये हैं। जेंडर समानता व महिलाओं की निर्वाचन में भागीदारी निर्धारित करवाने के उद्देश्य से समस्त महिला प्रबंधित मतदान केन्द्र सखी पोलिंग बूथ स्थापित किये गये हैं। इन केन्द्रों में चुनाव के दौरान समस्त मतदान स्टाफ, पुलिस व सुरक्षाकर्मी महिला ही तैनात किये गये हैं। पर्दानशीन (बुर्काधारी) महिलाओं के लिये विशेष व्यवस्था की गयी है। इनकी शिनाख्त व उंगली में अमिट स्याही का प्रयोग मतदान अधिकारी द्वारा उनकी सामाजिक भावना, गोपनीयता एवं शिष्टता को ध्यान में रखकर किया जायेगा गर्भवती महिलाओं के लिये विशेष तौर पर आराम कक्ष बनाया गया है व इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि उन्हें लाइन में न खड़ा होना पड़े। राज्य में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक सखी पोलिंग बूथ स्थापित किया गये हैं। इसके अतिरिक्त 30 और सखी पोलिंग बूथ स्थापित किये गये हैं। इनमें उत्तरकाशी जिले में 3, चमोली 3, रुद्रप्रयाग 2, टिहरी 6, देहरादून 18, हरिद्वार 19, पौङी गढ़वाल 6, पिथौरागढ़ 4, बागेश्वर 2, अल्मोड़ा 6, चम्पावत 2, नैनीताल 12 और ऊधमसिंह नगर जिले में 17 सखी पोलिंग बूथ स्थापित किये गये हैं।

राज्य में 150 आदर्श पोलिंग बूथ स्थापित किये गये हैं। इनमें उत्तरकाशी जिले में 6, चमोली 6, रुद्रप्रयाग 5, टिहरी 10, देहरादून 23, हरिद्वार 24, पौङी गढ़वाल 10, पिथौरागढ़ 8, बागेश्वर 5, अल्मोड़ा 10, चम्पावत 5, नैनीताल 17 और ऊधमसिंह नगर जिले में 21 आदर्श पोलिंग बूथ स्थापित किये गये हैं। आदर्श पोलिंग बूथ तीन मानकों के अनुरूप स्थापित किये गये हैं। भवन व सुविधाओं की भौतिक संरचना, पंक्ति प्रबंधन में सुधार और मतदान कर्मियों व स्वयं सेवकों का उचित व्यवहार।

आदर्श पोलिंग बूथ में भवन व सुविधाओं की भौतिक संरचना के तहत सुनिश्चित किया गया है कि भवन अच्छी दशा में साफ-सुथरी दीवारों की पुताई के साथ निर्वाचन सम्बन्धी संदेश के रूप में वॉल पेंटिंग की गई हो। मतदाता कर्मियों व पोलिंग एजेंट्स के लिये गुणवत्तायुक्त फर्नीचर की व्यवस्था की गई है। पोलिंग बूथ के बाहर डिस्प्ले बोर्ड लगाए हैं, जिनपर पोलिंग स्टेशन का नाम, निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन कार्यालय उत्तराखण्ड का स्व्ळव् (उत्तराखण्ड चुनाव कौथिग) मतदाता शपथ तथा प्रवेश व निकास का स्पष्ट उल्लेख है। न्यूनतम सुविधायें जैसे बिजली (पैट्रोमैक्स का अतिरिक्त प्रबन्ध), महिला व पुरूष के लिये अलग-अलग शौचालय, पीने के पानी की व्यवस्था, प्रतीक्षालय, रैम्प और व्हील चेयर दिव्यांगजनों के लिये सुनिश्चित की गई है। बी०एल०ओ० मतदाता सूची के साथ निर्धारित स्थान पर उपलब्ध रहेंगे। यथासम्भव वोटर्स का स्वागत पुष्प गुच्छ या एक-एक फूल से जैसी भी सुविधा होगी, किया जाएगा तथा सुविधानुसार रेड कार्पेट की व्यवस्था भी होगी।

पंक्ति प्रबंधन में सुधार के अंतर्गत पंक्तियों के लिये रस्सियों का प्रयोग होगा। पंक्तियों में खड़े वोटर्स के लिये स्वयं सेवक, टोकन वितरण व पीने का पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। नेत्रहीन, दुर्बल, बुजुर्ग एवं गर्भवती तथा धात्री माताओं (स्तनपान कराने वाली) को मतदान के लिये प्राथमिकता दी जायेगी। पंक्ति लम्बी होने पर बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं हेतु प्रतीक्षालय में बैठने की उचित व्यवस्था की गई है। मतदान कर्मियों व स्वयं सेवकों का उचित व्यवहार सुनिश्चित किया गया है। मतदान कर्मियों की यथासम्भव एक जैसी पोशाक होगी। वोटर्स के लिये क्या करना क्या नहीं तय होंगे। वोटर्स से फीडबैक फार्म भरवाया जायेगा।

वहीं, चमोली जिले की तीन विधान सभा सीटों के लिए जिला मुख्यालय गापेश्वर से 568 पोलिंग पार्टियां रवाना हुई। 14 फरवरी को होने वाले विधान सभा मतदान के लिए चमोली जिले की बदरीनाथ कर्णप्रयाग, थराली विधान सभा के 568 पोलिंग पार्टियां पुलिस मैदान गोपेश्वर और स्पोर्टस स्टेडियम गोपेश्वर से जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक चमोली की निगरानी में रवाना हुई, जिला निर्वाचन अधिकारी चमोली हिमांशु खुराना ने बताया कि जिले की तीनों विधान सभा के लिए पोलिंग पाटियों को रवाना किया गया है और निर्वाचन टीमों केा मतदान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में कोविड गाईड लाइन के अनुपालन के लिए भी निर्देशित किया गया है। वहीं पुलिस अधीक्षक चमोली ने बताया कि चुनाव को लेकर सुरक्षा की चाक चैबंध व्यवस्थाएं की गई, जिले के 568 पोलिंग स्टेशन के लिए पुलिस पीएसी, अर्द्ध सैनिक बल, पीएसी, होमगार्ड के जवानों केा तैनात किया गया है, वहीं सवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की गई हैं।

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साथ ही जनपद बागेश्वर में विधानसभा निर्वाचन के लिये काउंटडाउन शुरू हो चुका है। जनपद में कुल 217620 मतदाता हैं, जिसमें 46-कपकोट में 50353 पुरूष, 48956 महिला वहीं 47-बागेश्वर में 60028 पुरूष, 58283 महिला मतदाता है और मतदेय स्थलों की संख्या दोनो विधानसभाओ में 376 है। जनपद की दोनों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को 46-कपकोट को 02 जोन तथा 41 सैक्टरों व 47-बागेश्वर को 02 जोन व 27 सैक्टरो में विभाजित किया गया है, वहीं जनपद की दोनो विधानसभा में कुल 51 वर्नेवल मतदेय स्थल है, जिसमें कपकोट में 37 तथा बागेश्वर में 14 है।

पहाड़ में मतदान प्रतिशत बढ़ाना चुनौती, उत्तरकाशी छोड़ इन जिलों में गिरावट

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2017 में अल्मोड़ा की सल्ट विधानसभा क्षेत्र में हुआ था सबसे कम मतदान, हरिद्वार के लक्सर में सबसे अधिक मतदान

देहरादून, ब्यूरो। एक दिन बाद उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। ऐसे में कई दिनों से वोटिंग को लेकर प्रचार-प्रसार कर रहे निर्वाचन आयोग के सामने इस बार भी वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की चुनौती है। पर्वतीय जिलों कई कारण हैं जिससे वोटिंग प्रतिशत में लगातार गिरावट देखी गई है।

पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो अल्मोड़ा के सल्ट में सबसे कम जबकि हरिद्वार के लक्सर विधानसभा में सबसे अधिक 81.95 मतदान हुआ था। साथ ही हरिद्वार ग्रामीण और पिरान कलियर विधान सभा में भी 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। पांच साल पहले की चिंताएं अभी भी बरकरार हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि पहाड़ और मैदान में वोटिंग प्रतिशत में कितना अंतर आएगा यह आने वाले 10 मार्च को सामने आएगा। आपको बता दें कि 2017 में विधानसभा चुनाव में कुल मतदान का प्रतिशत 65.60 था।

यूएसनगर, नैनीताल, हरिद्वार और उत्तरकाशी को छोड़कर शेष जिलों का मतदान प्रतिशत राज्य के औसत से कम था। दूसरी ओर पौड़ी की लैंसडाउन और चैबट्टाखाल के साथ ही टिहरी की घनसाली सीट में भी पचास प्रतिशत से कम मतदान हुआ था।

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जनपद- मतदान प्रतिशत
हरिद्वार- 75.68

उत्तरकाशी- 69.38

नैनीताल- 66.88

देहरादून- 63.53

रुद्रप्रयाग- 62.31

चम्पावत- 61.43

बागेश्वर- 61.11

पिथौरागढ़- 60.18

चमोली- 59.12

टिहरी- 55.68

पौड़ी- 54.86

अल्मोड़ा- 53.07

ऊधमसिंह नगर- 76.01

कुल – 65.60

पहाड़ में कम मतदान के कारण…

रास्ते- पहाड़ में ज्यादातर मतदान केंद्र सड़क मार्ग से दूर हैं। इस कारण बुजुर्ग और बीमारों के लिए मतदान केंद्र तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। हालांकि इस बार आयोग ने ऐसे लोगों को घर से मतदान का विकल्प दिया है।

पलायन-पर्वतीय जिलों में बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता भी पंजीकृत हैं, जो रोजगार के लिए दूसरे शहरों में रहते हैं। मतदान के लिए ऐसे सभी लोग अपने मूल स्थान पर लौट नहीं पाते हैं। इस कारण पहाड़ में कुल मतदान प्रतिशत गिर जाता है।

मौसम- उत्तराखंड के चारों चुनावों में मतदान फरवरी माह में सम्पन्न हुआ, इस बार भी 14 फरवरी को मतदान हो रहा है। इस समय पहाड़ में मौसम काफी ठंडा रहता है। कई जगह बर्फ जमा रहती है। खराब मौसम भी कम मतदान के पीछे एक कारण है।

कम मतदान की वाली विधानसभा सीटें…
पौड़ी, श्रीनगर, यमकेश्वर, लैंसडाउन, चैबट्टाखाल, धनोल्टी, नरेंद्रनगर, टिहरी, देवप्रयाग, प्रतापनगर , घनसाली, रुद्रप्रयाग, बद्रीनाथ, कर्णप्रयाग, थराली, कपकोट, बागेश्वर, लोहाघाट, धारचूला, पिथौरागढ़, डीडीहाट, गंगोलीहाट, सल्ट, अल्मोड़ा, जागेश्वर, सोमेश्वर, द्वाराहाट, रानीखेत।

सत्ता न सरकार का पता पर बांट रहे सीएम विवेकाधीन कोष के लेटर !

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धन सिंह नेगी के समर्थन में वोट मांगने जा रहे लोग दे रहे लोगों को लालच, ये वीडियो वायरल

नई टिहरी, ब्यूरो। उत्तराखंड में किसकी सरकार बनेगी यह भविष्य के गर्भ में है। आने वाले 10 मार्च को यह साफ हो जाएगा कि किसके विधायक सबसे ज्यादा हैं। जिसके विधायक सबसे अधिक होंगे उसी दल की सरकार बनेगी, लेकिन नई टिहरी से कांग्रेस प्रत्याशी धन सिंह नेगी जो हाल हल में कांग्रेस में शामिल हुए हैं, उनके समर्थक लोगों को गांव-गांव जाकर सीएम विवेकाधीन कोष से सहायता देने के प्रलोभन देते हुए पत्र बांट रहे हैं। ऐसे ही एक गांव का वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि सीएम विवेकाधीन कोष के करीब 20 पत्र एक गांव के लोगों को बांटे जा रहे हैं। भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए धन सिंह नेगी वर्तमान में सिटिंग विधायक हैं। नई टिहरी की हाॅट सीट से अंतिम दौर तक भी जब भाजपा ने उनका टिकट फाइनल नहीं किया और कांग्रेस के दिग्गज नेता किशोर उपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए तो वह भी कांग्रेस का पटका पकड़ पार्टी से ही चुनाव मैदान में प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर गए। चुनाव प्रचार का शोर एक दिन पहले खत्म हो गया है।

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अब प्रत्याशियों के ‘दूत’ घर-घर घूस कर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन गरीब और अनजान लोग इन सब की चालाकी से बेखबर हैं। पांच साल तक जिन नेताओं ने गांव का रुख भी नहीं किया था वह बिना सत्ता और सरकार में आए ही सीएम विवेकाधीन कोष का प्रलोभन गरीब लोगों को वोट की खातिर दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार यह पत्र विगत 7 जनवरी के हैं। करीब डेढ़ माह पूर्व के ये सीएम विवेकाधीन कोष के पत्र मतदान से ठीक एक दिन पहले आज लोगों को बांटे जा रहे हैं। इसकी कई जगाहों से शिकायतें आ रही हैं।‌ इनके द्वारा पूरे विधानसभा की विवेकाधीन निधि को डंप किया गया ताकि चुनाव में वोट खरीदे जा सके। आप भी देखिए ये वायरल वीडियो….

सत्ता न सरकार का पता पर बांट रहे सीएम विवेकाधीन कोष के लेटर !

वोटिंग के दिन उत्तराखंड में क्या रहेगा खुला क्या बंद, देखें एक नजर में…

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देहरादून/नैनीताल, ब्यूरो। उत्तराखंड में एक दिन बाद यानी कल 14 फरवरी को पांचवी विधानसभा के लिए जनता अपने विधायकों का चुनाव करेगी। इस दौरान कई प्रतिबंध लागू रहेंगे। आज शाम को ही जनपदों के बाॅर्डर सील कर दिए जाएंगे। मतदान दिवस के दिन सार्वजनिक अवकाश रहेगा, मगर कर्फ्यू जैसी स्थिति नहीं रहेगी। चुनाव आयोग की गाइडलाइन के आधार पर व्यापारिक प्रतिष्ठान, दुकानें, होटल सामान्य तौर पर खुले रहेंगे। उन्होंने बताया कि बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध नहीं रहेगा। हालांकि चुनाव प्रत्याशियों को आवागमन करने के लिए तीन ही वाहनों की अनुमति होगी। जिसके लिए उन्हें संबंधित अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। उन्होंने बताया कि प्रत्याशियों अथवा राजनीतिक दलों द्वारा वोटरों को वाहनों में आवागमन कराना प्रतिबंधित रहेगा। पूरे प्रदेश में चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार पर ही प्रतिबंध लागू किए जाएंगे।

कुमाऊं डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने आज पत्रकार वार्ता कर बताया कि विधानसभा चुनाव को लेकर 14 फरवरी को आयोजित होने जा रहे मतदान दिवस पर पहली बार व्यापारिक प्रतिष्ठान, होटल, दुकान समेत यातायात भी सुचारु रहेगा। इतना ही नहीं बाहरी राज्यों से आ रहे पर्यटकों की आवाजाही पर भी कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। हालांकि चुनाव प्रत्याशियों को आवाजाही के लिए तीन वाहनों की ही अनुमति दी जाएगी। जिसमें घूमने वाले लोगों का चुनाव प्रत्याशियों को ब्यौरा पेश करना होगा। डीआईजी ने बताया कि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव करवाने को लेकर पुलिस द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि कुमाऊं भर में भारी संख्या में पुलिस के साथ ही अर्ध सैनिक सुरक्षा बल तैनात रहेगा। बताया कि व्यवस्था बनाए रखने के लिए 51 कंपनी अर्ध सैनिक सुरक्षा बल, आठ कंपनी पीएसी, 4000 से अधिक पुलिसकर्मी पोलिंग बूथों के साथ ही अन्य स्थानों में तैनात रहेंगे। इसके साथ ही नौ हजार के करीब पीआरडी और होमगार्ड तैनात किए गए हैं।

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इसके अलावा उन्होंने बताया कि मतदान दिवस को लेकर आज शाम से जनपदों के बॉर्डर सील कर दिए जाएंगे। मतदान दिवस के दिन सार्वजनिक अवकाश रहेगा। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन के आधार पर व्यापारिक प्रतिष्ठान, दुकाने, होटल सामान्य तौर पर खुले रहेंगे। बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध नहीं रहेगा। बताया कि प्रत्याशियों अथवा राजनीतिक दलों की ओर से वोटरों को वाहनों में आवागमन कराना प्रतिबंधित रहेगा। सभी शासकीय व अशासकीय कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, अर्ध सरकारी व निकाय कार्यालय बंद रहेंगे। कारखाने, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के कामगारों के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। बैंक, डाकघर, कोषागार आदि भी बंद रहेंगे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी अशोक जोशी ने बताया कि मताधिकार से किसी को भी वंचित नहीं किया जा सकता।

मतदान के दिन अपने निजी या टैक्सी वाहनों से मतदाताओं को मतदेय स्थल तक लाने वाले प्रत्याशियों पर आयोग की कड़ी नजर रहेगी। जरूरी सेवा में लगे वाहनों को संचालन की अनुमति दी गई है। सार्वजनिक परिवहन जारी रहेगा। निजी वाहनों से किसी जरूरी काम से आवागमन करने वालों को यात्रा का प्रमाण दिखाना होगा। दुकानें व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर किसी तरह की पाबंदी नहीं होगी, लेकिन कहीं शराब या अन्य मादक पदार्थ न परोसे जाएं, इस पर आयोग की नजर रहेगी।

नीरव मोदी को पीछे छोड़ 28 बैंकों को लगाया करीब 23000 करोड़ का चूना

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बैंकिंग इतिहास में सामने आया सबसे बड़ा फ्राॅड, 28 बैंकों को इस कंपनी ने लगाया चूना
एसबीआई की शिकायत पर सीबीआई ने दर्ज किया मुकदमा

नई दिल्ली, ब्यूरो। गुजरात की एबीजी शिपयार्ड कंपनी ने देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई समेत 28 बैंकों को 22,842 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया है। स्टेट बैंक आफ इंडिया की शिकायत के बाद इस कंपनी के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई ने शिपयार्ड कंपनी के तत्कालीन अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषिक कमलेश अग्रवाल समेत 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

जानकारी के अनुसार एबीजी शिपयार्ड कंपनी जहाज निर्माण और मरम्मत का काम करती है। सीबीआई की एफआईआर के अनुसार यह घोटाला अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक किया गया है। इसे बैंकिंग फ्रॉड में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला कहा जा सकता है। यह भगोड़े नीरव मोदी से भी बड़ा घोटाला है। एसबीआई के अनुसार मुताबिक कंपनी के पास आईसीआईसीआई बैंक के 7089 करोड़ रुपए, आईडीबीआई बैंक के 3634 करोड़ रुपए, एसबीआई को 2468 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा के 1614 करोड़ रुपए, पंजाब नेशनल बैंक के 1244 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक के 1228 करोड़ रुपए और एलआईसी को 136 करोड़ रुपए का चूना लगाया गया है।

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सीबीआई के अनुसार फ्रॉड करने वाली दो प्रमुख कंपनियों के नाम एबीजी शिपयार्ड और एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड हैं। दोनों कंपनियां एक ही ग्रुप की हैं। आरोप है कि बैंकों से फ्रॉड किए गए पैसे को विदेशों में भी भेजा गया और काफी प्रॉपर्टी खरीदी गईं। तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर पैसा एक कंपनी से दूसरी कंपनी में भेजा गया। बैंक ने सबसे पहले 8 नवंबर, 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा।

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बैंक ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज कराई। डेढ़ साल से अधिक समय तक जांच करने के बाद, सीबीआई ने 7 फरवरी, 2022 को प्राथमिकी दर्ज करने वाली शिकायत पर कार्रवाई की। सीबीआई ने अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषिक कमलेश अग्रवाल के साथ ही तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों- अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी कथित रूप से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया है।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान को कम ही समय बचा है। ऐसे में कौन जीतेगा चुनावी दंगल में रण देखिए एक क्लिक में हमारे साथ…

भाजपा स्टार प्रचारकों के भरोसे, ये कांग्रेस प्रत्याशी खुद ही करते रहे अपना प्रचार

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में प्रचार का शोर बन्द, अब बूथ मजबूत करने में जुटी पार्टियां

थराली (मोहन गिरी): एक दिन बाद 14 फरवरी को उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान होना है। ऐसे में जहां राजनीतिक दलों के प्रचार का शोर बन्द हो गया है, वहीं अब राजनीतिक दलों के प्रत्याशी और उनके समर्थक विकासखण्ड वार बूथों की मजबूती में भी जुट गए हैं। दूसरी ओर दूरस्थ क्षेत्रो में निर्वाचन के लिए पोलिंग पार्टियां भी रवाना हो चुकी हैं।

इस बार थराली सीट पर भी चुनाव रोचक मोड़ में आ गया है। इस सीट पर जहां बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को वोट के रूप में भुनाने की कोशिश में जुटी है तो वहीं कांग्रेस स्थानीय मुद्दों पर बीजेपी से 5 साल के कार्यकाल का हिसाब मांग रही है।वहीं अब तक के चुनाव प्रचार में बीजेपी स्टार प्रचारकों के भरोसे डोर टू डोर कैम्पेनिंग के साथ साथ जनसभाओं में केंद्र की मोदी सरकार के आल वेदर रोड, धारा 370, राम मंदिर निर्माण ,जल जीवन मिशन, आयुष्मान योजना समेत किसान सम्मान निधि पर जनता के बीच वोट मांगने गयी वहीं स्थानीय मुद्दों पर बीजेपी नेता ज्यादातर चुप्पी ही साधे रहे।

दूसरी ओर कांग्रेस और प्रत्याशी जीतराम ने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारने की बजाय खुद ही मोर्चा संभाले रखा इस पूरे चुनाव में थराली सीट पर बीजेपी के मुख्य स्टार प्रचारकों में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत ने डोर टू डोर जनसंपर्क के साथ ही जनसभाएं की। इन स्टार प्रचारकों के मुकाबले कांग्रेस प्रत्याशी डॉ जीतराम खुद ही जनता के बीच वोट मांगते नजर आये ,कांग्रेस इस चुनाव में स्थानीय मुद्दों पर उत्तराखंड की बीजेपी सरकार और थराली विधायक से सवाल करती नजर आयी। कांग्रेस इस समय स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाल स्थिति,सड़को के गड्ढे ,स्कूलों की जर्जर हालत और शिक्षकों की अनुपस्थिति के साथ ही थराली देवाल हॉटमिक्स, थराली घाट मोटरमार्ग ,थराली खनसर सड़क और नारायणबगड़ दिवालीखाल मोटरमार्ग के निर्माण में देरी पर बीजेपी को घेरते नजर आयी कांग्रेस प्रत्याशी ने जहां बीजेपी सरकार में थराली विधानसभा में विकास का इंजन फेल बताया और अपनी जीत के दावे किए वहीं बीजेपी प्रत्याशी के मुताबिक थराली विधायक मुन्नीदेवी शाह के कार्यकाल में थराली में विकास के ऐतिहासिक कार्य हुए हैं और इन कामो को देखते हुए बीजेपी प्रत्याशी भी अपनी जीत सुनिश्चित मान रहे हैं। बहरहाल 14 फरवरी को मतदान होना है और 10 मार्च को थराली सीट पर नतीजे चाहे जो भी हो लेकिन थराली का चुनाव फिर एक बार रोचक मोड में आ चुका है और थराली विधानसभा में साइलेंट वोटर निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

मुद्दों से भटकीं राष्ट्रीय पार्टियां, सरकार बनी तो यह पार्टी देगी मुफ्त दुपहिया पार्किंग…!

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देहरादून, ब्यूरो। पांच साल बाद उत्तराखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियां कहीं न कहीं मुद्दों से भटकी हुई नजर आई। चुनाव प्रचार के दौरान या तो एक-दूसरे पर निजी कटाक्ष करते हुए नेता देखे गए या फिर ऐसी घोषणाएं करते हुए दिखे जिससे राष्ट्रीय पार्टियां भी कहीं न कहीं हास्य का पात्र बन रहीं हैं। अब कांग्रेस को ही देखिए। प्रचार के अंतिम दिन पार्टी घोषणा कर रही है कि सरकार बनी तो दुपहिया पार्किंग सुविधा मुफ्त में दी जाएगी। ऐसे ही भाजपा के नेता भी अपने कामों को गिनाने की बजाय निजी कटाक्ष करने में व्यस्त दिखाई दिए।

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक सभी पार्टियों ने अपने-अपने स्तर से मतदाताओं को लुभाने और रिझाने की कोशिश की। भाजपा ने जहां पीएम मोदी से लेकर कई केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और स्थानीय नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा वहीं, कांग्रेस ने राहुल-सोनिया और सुरजेवाला को ही स्टार प्रचार के तौर पर चुनाव मैदान में वोटर्स को रिझाने के लिए बुलाया। इसके साथ ही पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ ही स्थानीय नेताओं को भी कांग्रेस ने प्रचार-प्रसार के लिए उतारा। वहीं, देखा जाए तो आप के लिए दिल्ली सीएम केजरीवाल और मनीष सिसोदिया और कर्नल अजय कोठियाल ने ही प्रचार की कमान संभाली। एक दिन बसपा सुप्रीमो मायावती भी हरिद्वार में चुनाव प्रचार के लिए पहुंची। अब देखना होगा कि 632 उम्मीदवारों में कौन कौन राज्य के 81,72,173 मतदाताओं को रिझाने में सफल हो पाता है।

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देखा जाए तो विपक्ष के साथ प्रदेश में सत्ता में अभी काबिज भाजपा भी अपने कामों का प्रचार सही तरीके से नहीं कर पाई। कांग्रेस जहां महंगाई, भ्रष्टाचार, तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा के साथ ही चार धाम चार काम का प्रचार करती रही। प्रचार के अंतिम दिन तो कांग्रेस ने सरकार बनने पर दुपहिया वाहन की पार्किंग प्रदेश में फ्री करने तक का ऐलान कर दिया। वहीं, भाजपा अपने ही कामों को लोगों तक नहीं पहुंचा पाई। मसलन महिलाओं को पति के साथ ही आधे हिस्से में भूमिधरी का अधिकार, गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी तमाम ऐसी योजनाओं हैं जिससे प्रदेश का विकास हुआ है। हालांकि स्व. बिपिन रावत के नाम पर दोनों दलों ने पूर्व सैनिकों और सैनिकों को लुभाने की भरसक कोशिश की। वहीं, आप भी कोरी घोषणाएं करती रही। कुछ निर्दलीय और यूकेडी के प्रत्याशी इस बार राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। दूसरी ओर हरिद्वार में बसपा सुप्रीमो मायावती ने जनसभा कर कुछ सीटों पर समीकरण बदलने को हवा दी है।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान को कम ही समय बचा है। ऐसे में कौन जीतेगा चुनावी दंगल में रण देखिए एक क्लिक में हमारे साथ…

एक दिन पहले बंद हुए चुनावी शोर में योगी, मोदी, शाह समेत भाजपा की लंबी फौज चुनाव प्रचार के लिए खड़ी रही। नई टिहरी और कोटद्वार में योगी ने हिंन्दुत्व के नाम पर और यूपी में भयमुक्त हो चुके वातावरण के साथ ही कहा कि अगर उत्तराखंड में भाजपा की सरकार नहीं आई तो अपराधाी उत्तर प्रदेश से पलायन कर इस पहाड़ी राज्य की शरण में पहुंच जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने यूपी में भी पहले की तरह भारी बहुमत से सरकार आने की बात भी कही। अब देखना होगा कि करीब 82 हजार मतदाताओं में से कितने मतदान के बूथ तक पहुंचते हैं और कितने किस प्रत्याशी को मतदान करते हैं।

सगा भाई ही बना लुटेरा, रुपयों के लालच में डलवाई फर्जी इनकम टैक्स रेड

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पुलिस ने महिला समेत दो साथियों को किया गिरफ्तार, 22 लाख 26 हजार नकद और सोने चांदी के जेवरात; स्विफ्ट डिजायर कार भी बरामद

देहरादून/ऋषिकेश, ब्यूरो। सगे भाई के घर आयकर विभाग की फर्जी रेड डलवाने वाले को पुलिस ने महिला समेत गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 22 लाख 26 हजार रुपए नकद और सोने चांदी के जेवरात के साथ घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट डिजायर कार भी बरामद कर ली है। कोतवाली ऋषिकेश में मामले का खुलासा करते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी डीसी ढौंडियाल और ऋषिकेश कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवि कुमार सैनी ने बताया कि तीन आरोपित को फर्जी दस्तावेजों के साथ घटना के बाद गिरफ्तार किया जा चुका है।

उन्होने बताया कि कोतवाली ऋषिकेश में संदीप पुत्र राम सिंह निवासी बाल्मीकि नगर ऋषिकेश ने एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया कि 11 फरवरी सुबह साढ़े चार बजे उसके घर में कुछ लोग इनकम टैक्स अधिकारी बनकर आए और जांच शुरू कर दी। घर में पांच लोग घुसे थे, जिनमें एक महिला भी थी। इन सभी ने घर को खंगालना शुरू कर दिया और घर से रुपये और जेवरात लेकर जाने लगे। जब संदीप ने कहा मैं भी आपके साथ चलूंगा तो सभी मना करने लगे और कहने लगे कि आप सुबह दस बजे हमारे आइडीपीएल स्थित इनकम टैक्स आफिस में आना। संदीप को उनकी इस बात पर शक हुआ तो उसने उन्हें रोकना चाहा। इसके बाद आरोपी गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देकर जा रहे थे। इसके बाद मोहल्ले के लोग यह शोर सुनकर इकट्ठा हो गए। यह देख इनमें से एक आदमी रुपए और ज्वेलरी का बैग लेकर भाग गया, जबकि अन्य साथी भागने लगे तो मोहल्ले के लोगों ने तीन आरोपियों को पकड़ कर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद आरोपियों ने मौके पर पहुंच तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

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पीड़ित ने बताया कि एक महिला और एक अन्य आरोपी रुपये और ज्वेलरी लेकर फरार हो गए। उन्होंने संदीप की पत्नी का मोबाइल भी ले लिया। शिकायतकर्ता की शिकायत पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ कर फरार लोग के नाम पते के विषय में जानकारी हासिल कर एक पुलिस टीम दिल्ली के लिए रवाना की गई। इस बीच सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने फरार हुए मास्टरमाइंड आरोपी और उसकी महिला साथी को गुमानीवाला श्यामपुर के पास से गिरफ्तार किया। पूछताछ के बाद पता चला कि आरोपी पीड़ित के सगे भाई ही निकले।