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अब राजधानी दून के चौराहों पर हॉर्न बजाना पड़ेगा भारी, यह है वजह

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Uttarakhand Devbhoomi Desk: राजधानी दून में बढ़ता ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। वायु प्रदूषण की तरह ध्वनि प्रदूषण भी स्वास्थ्य के लिए घातक साबित होता जा रहा है। चारों तरफ मचे शोर का हेल्थ पर सीधा (unnecessary honking in dehradun) असर पड़ रहा है। इससे ज्यादातर लोगों की दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर (बीपी) बढऩे की समस्या हो रही है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि बहुत सी स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का पशु, पक्षी भी शिकार हो जाते हैं।

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unnecessary honking in dehradun: बेवजह हॉर्न बजाय तो….

शहरभर में बढ़ती गाड़ियों की संख्या से शोर-शराबा भी ज्यादा होने लगा है। ऐसे में शहर में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए देहरादून ट्रैफिक पुलिस ने कमर कस ली है। अब देहरादून पुलिस ने शहर को नो हॉर्न जोन बनाने का संकल्प लिया है। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस (unnecessary honking in dehradun) ने सॉलिड प्लान बनाया है। इसके तहत अब जल्द ही शहरों के चौराहों पर ऐसे स्मार्ट सिग्नल लगाए जाएंगे, जो पता लगाएंगे कि किस दिशा से कौन सी आवाज ज्यादा है। इसके बाद उस दिशा का सिग्नल ग्रीन ही नहीं होगा। नतीजतन ट्रैफिक सिग्नल पर शोर मचाने वालों को घंटों तक खड़े रहना पड़ सकता है।

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इसके लिए जल्द ही अभियान चलाया जायेगा। जिसमें पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और आरटीओ संग भी पार्टनरशिप की जाएगी। साथ ही मोडिफाइड साइलेंसर का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर एसपी ट्रैफिक ने (unnecessary honking in dehradun) बताया कि शहर में स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाएंगे। जिस साइड से ज्यादा हॉर्न की आवाज आएगी। उसकी ऑटोमैटिक रेड लाइट की समय सीमा ज्यादा हो जाएगी। उन्होने आगा कहा कि इस संबंध में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरुक कराया जाएगा और उन्हें ध्वनि प्रदूषण के नुकसान बताए जाएंगे।

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