यूक्रेन से लौटी निशा के परिजनों ने खोली सरकार के दावों की पोल

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ऋषिकेश (संवाददाता- अमित कंडियाल): रूस के साथ युद्ध के चलते यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के युवाओं को निकालने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के बड़े-बड़े दावों की पोल एक पिता ने खोल दी है। यूक्रेन से लौटी निशा के पिता ने सरकारी सिस्टम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उनकी बच्ची निशा मेडिकल की छात्रा है और वह यूक्रेन से किसी तरह पड़ोसी मुल्क की सीमा तक पहुंची। यहां से केंद्र सरकार ने उसे रेस्क्यू कर मुंबई एयरपोर्ट तक पहुंचाया, लेकिन इसके बाद बच्ची को उसके हाल पर छोड़ दिया गया। 

श्यामपुर निवासी राजकुमार ग्रेवाल की मानें, तो बेटी निशा को मुंबई एयरपोर्ट तक लाने के बाद छोड़ दिया गया। क्षेत्रीय विधायक और अब फिर चौथी बार भाजपा के प्रत्याशी प्रेमचंद अग्रवाल कुछ दिन पहले घर पहुंचे थे, उन्होंने हरसंभव सहायता का भरोसा दिया था, लेकिन जब जरूरत पड़ी, तो उन्होंने कोई रिपांस ही नहीं दिया। राजकुमार बोले, श्यामपुर पुलिस चौकी पहुंचकर मदद की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने कहा कि गाइडलाइन के मुताबिक इंतजाम भारतीय एयरपोर्ट तक लाने के थे। निशा के पिता राजकुमार ने बताया कि भला हो मुंबई एयरपोर्ट पर मिले सुरक्षा कर्मी का, जो बेटी को एयरपोर्ट पर मिला और उसी ने बामुश्किल बेटी का टिकट कराकर उसे श्यामपुर तक भेजने की व्यवस्था की। बेटी के घर तक आने से पहले रो रहे थे। परेशान होते हुए विधायक से फिर संपर्क किया, लेकिन नाउम्मीदी ही मिली।  राजकुमार ने यह भी बताया कि अभी और बच्चे वहां फंसे हैं और उनके पास पैसे भी नहीं हैं। वह 50-50 किलोमीटर पैदल चलकर पड़ोसी देश की सीमा तक पहुंच रहे हैं। सरकार को जरूरत है कि वह इस ओर ध्यान दें और सभी को उनके घर तक पहुंचाए। बताते चलें कि, ऋषिकेश में ही आवास-विकास निवासी एक और मेडिकल की छात्रा आयुषी भी घर पहुंची है।

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