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सो रहे NEPALI मजदूरों पर हाथी का हमला, 1 NEPALI को कुचल कर मार डाला; और ऐसे बचे

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देर रात दो बजे हाथी ने किया हमला, NEPALI मजदूरों में मचा हड़कंप और अफरा-तफरी

देहरादून/ऋषिकेश, ब्यूरो। सो रहे NEPALI मजदूरों पर हाथी का हमला, 1 NEPALI को कुचल कर मार डाला; और ऐसे बचे: उत्तराखंड में जंगली जानवरों का आतंक लगातार जारी है। कहीं गुलदार, कहीं बाघ, कहीं हाथी तो कहीं भालू इंसानों पर हमला करने के साथ ही उन्हें मौत के घाट उतार रहे हैं । कुछ ऐसा ही ऋषिकेश के मुनी की रेती थाना क्षेत्र में कल रात को हुआ। यहां देर रात करीब 2 बजे 1 गजराज ने एक NEPALI मजदूर को कुचल कर मार डाला।

सो रहे NEPALI मजदूरों पर हाथी का हमला, 1 NEPALI को कुचल कर मार डाला; और ऐसे बचे

NEPALI मजदूरों के डेरे पर रात दो बजे किया गजराज ने हमला

एक गजराज ने योग नगरी ऋषिकेश के मुनी की रेती थाना क्षेत्र में जमकर तांडव मचाया। गजराज ने मुनी की रेती इलाके मैं एक अस्थाई टेंट में रह रहे नेपाली मजदूर को पटक-पटक कर मार डाला। NEPALI मजदूरों के टेंट (डेरे) में और मजदूर भी मौजूद थे, लेकिन उन्होंने किसी तरह भागकर जान बचाई।

NEPALI मजदूरों के पूरे डेरे को उजाड़ दिया

हाथी ने NEPALI मजदूरों के इस डेरे को गुस्से में पूरी तरह उजाड़ दिया इससे मौके पर मजदूरों में अफरा तफरी और हड़कंप का माहौल रहा। हाथी का यह जानलेवा हमला देर रात करीब 2ः00 बजे हुआ। डेरे में सो रहे नेपाली मजदूर कुछ भी नहीं समझ पाए। इससे पहले कि कुछ अंदाजा लगा पाते, हाथी ने उनके डेरे को तहस-नहस कर उन पर जानलेवा हमला कर दिया। हाथी के हमले में मृतक नेपाली मजदूर की पहचान संतोष (40) निवासी खजुरा थाना गनोली जिला बांके नेपाल के रूप में पुलिस ने की है।

पुलिस ने पीएम के लिए एम्स ऋषिकेश भेजी बाॅडी

हाथी के हमले की सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने मजदूर के शव को पोस्टमार्टम के लिए एम्स ऋषिकेश भेज दिया है। मजदूर की मौत के बाद आसपास के लोगों में भी जंगली जानवरों का खौफ बना हुआ है।

कई बार गुलदार भी कर चुका इलाके में हमला

इस इलाके में कई बार गुलदार से लेकर ज्यादातर हाथी हमला करते हैं। मुनिकीरेती क्षेत्र में कुछ माह ही पहले एक निर्माणाधीन मकान में गुलदार घुस आया था। जिसके बाद मौके पर पहुंचे रेंजर और अन्य वन कर्मियों पर भी गुलदार ने हमला कर दिया था। इस हमले में रेंजर गंभीर घायल हुए थे। जबकि गुलदार मौके से फरार हो गया था। वन विभाग की टीम गुलदार को ट्रेंकुलाइज भी नहीं कर पाई थी।

जंगली जानवर लगातर कर रहे हमला

आए दिन उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में जंगली जानवरों के हमले हो रहे हैं। हालांकि वन विभाग जंगली जानवरों के हमले के बाद मौके पर गश्त बढ़ाने की बात कहता है। लेकिन, कुछ समय बाद फिर वही पुराने ढर्रे पर स्थितियां पहुंच जाती हैं। उत्तराखंड के कई गांव तो ऐसे हैं कि जहां लोग गुलदार और बाघ के डर से रात पड़ने से पहले ही घरों में दुबक जाते हैं और अकेले जंगल के इलाके से नहीं गुजरते। कई बार बच्चों को स्कूल भेजना भी बंद कर देते हैं।

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