Home काम की खबर कर्मचारियों का बुरा हाल, ‘माननीय’ पेंशन से हो रहे माला माल

कर्मचारियों का बुरा हाल, ‘माननीय’ पेंशन से हो रहे माला माल

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हाय रे उत्तराखंड, वाह रे नेता..सूचना के अधिकार में हुआ ये बड़ा खुलासा
प्रदेश के कर्मचारियों का बुराहाल, पूर्व विधायक पेंशन से मालामाल

रुद्रपुर (संवाददाता-तापस विश्वास): उत्तराखंड में आए दिन आप कर्मचारियों को वेतन भत्तों और पूर्व कर्मचारियों को पेंशन के लिए प्रदर्शन करते देखते होंगे। भले ही कई विकास कार्य पैसों के लिए प्रभावित हो आप सोचते होंगे कि उत्तराखंड सरकार का खजाना शायद खाली होगा इसलिए इन्हें वेतन,पेंशन और विकास कार्य प्रभावित हो रहे है लेकिन ऐसा नहीं है। सरकार ने भले ही कई विभागों में पेंशन खत्म कर दी हो लेकिन पूर्व विधायक अपने दिन उसी मौज से काटें इसका इंतजाम है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) में खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड सरकार हर महीने 95 पूर्व विधायकों को 52 लाख रुपए से ज्यादा पेंशन देती है।

सूबे उत्तराखंड में भले ही विभिन्न विभागों में सरकारी कर्मचारियों की पेंशन सुविधा समाप्त कर दी गई हो। प्रदेश के कर्मचारियों को समय से वेतन तक न मिल रहा हो लेकिन शासन की ओर से उत्तराखंड के 95 पूर्व विधायकों को 52 लाख 73 हजार 900 रुपये मासिक पेंशन समय से दी जा रही है। यानी जो एक बार विधायक बनकर पूर्व विधायक हो गया हो प्रदेश में ऐसे विधायकों को पेंशन से मालामाल किया जा रहा है। वही इसमें 3 पूर्व विधायक उत्तराखंड गठन से पूर्व पेंशन का लाभ उठा रहे हैं। ये खुलासा आरटीआई के जरिए हुआ है।

जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के जनपद ऊधम काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीमउद्दीन (एडवोकेट) ने उत्तराखंड विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी से पूर्व विधायकों को मिल रही पेंशन से संबंधित सूचनाएं मांगी थीं. उपलब्ध सूचना में विधानसभा सचिवालय के लोक सूचना अधिकारी/उपसचिव (लेखा) हेम चंद्र पंत ने पूर्व विधायकों की पेंशन संबंधी सूची उपलब्ध करायी है। नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड के कुल 95 पूर्व विधायकों को हर माह कुल 52 लाख 73 हजार नौ सौ रुपये की मासिक पेंशन दी जा रही है। इसमें पूर्व विधायकों को 1997 से 2 पूर्व विधायक 1 पूर्व विधायक को 1998 से पेंशन मिल रही है। 8 पूर्व विधायकों को 2002, 9 को 2004, 6 को 2007, 1 को 2008, 1 को 2009, 31 पूर्व विधायकों को 2012, 5 को 2016, 29 को 2017, 1 को 2018 और 1 पूर्व विधायक को 2019 से पेंशन मिल रही है। सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम को उपलब्ध सूची के अनुसार 1997 से पेंशन लेने वालों में मोहम्मद असलम खान, कुंवर नरेंद्र सिंह, 1998 से राजीव कुमार शामिल हैं। 2002 से राम सिंह सैनी, मोहन सिंह रावत ’गांववासी’, निरुपमा गौड़, लाखी राम जोशी, नारायण सिंह राणा, ज्ञान चन्द्र, सुरेश चन्द्र आर्य, केसी सिंह बाबा पेंशन लेने वालों में शामिल हैं। 2004 से धनी राम सिंह नेगी, विरेंद्र सिंह, रामयश सिंह, किशन सिंह तड़ागी, नवीन चंद्र तिवारी, पूरन चंद्र शर्मा, कुंवर सिंह नेगी, गोपाल दत्त ओझा, पृथ्वीपाल सिंह चैहान शामिल हैं जिन्हें पेंशन दी जा रही है। 2007 से उम्मेद सिंह मांजिला, कैलाश शर्मा, काशी सिंह ऐरी, सूरवीर सिंह सजवाण, राम प्रसाद टम्टा, डा. नारायण सिंह जंतवाल पेंशन लेने वालों में शामिल हैं। 2016 से अमृता रावत, शैलेंद्र मोहन सिंघल, विजय बहुगुणा, भीमलाल आर्य, दान सिंह भंडारी तो 2017 से मालचंद, विजयपाल सिंह सजवाण, जीत राम, विक्रम सिंह नेगी, महावीर सिंह, राजकुमार, हीरा सिंह बिष्ट, चंद्र शेखर, हरिदास, सरवत करीम अंसारी, विजया बड़थ्वाल, गणेश गोदियाल, मयूख सिंह, नारायण राम आर्य, ललित फर्स्वाण, मदन सिंह बिष्ट, मनोज तिवारी, हेमेश खर्कवाल, सरिता आर्य, आरपी गार्डनर, राजेंद्र सिंह भंडारी, शैला रानी रावत, मंत्री प्रसाद नैथानी, दिनेश धनै, नवप्रभात, दिनेश अग्रवाल, सुरेंद्र सिंह नेगी, हरीश रावत, हरीश चंद्र दुर्गापाल, 2018 से महेंद्र सिंह माहरा और 2019 से भुवन चंद्र खंडूरी को पेंशन मिल रही है।

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उपलब्ध सूचना सूची के अनुसार पूर्व विधायकों में सबसे कम 14 हजार कैरन मेयर और सर्वाधिक 91 हजार राम सिंह सैनी को पेंशन मिल रही है. इसके अतिरिक्त 40 हजार से 45 हजार प्रतिमाह तक 7 पूर्व विधायकों को, 46 हजार से 48,800 तक 24 विधायक, 50 हजार से 55 हजार तक 18 विधायक, 58 हजार से 60 हजार तक 25 विधायक, 62 हजार से 66 हजार तक 7 विधायक, 67 हजार से 72 हजार तक 7 विधायक, 73 हजार 2 पूर्व विधायक, 76 हजार 1 पूर्व विधायक, 79 हजार 1 विधायक, 85 हजार की मासिक पेंशन 1 पूर्व विधायक को मिल रही है।

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