‘‘आरएसएस ने किसी व्यक्ति नहीं बल्कि भगवा ध्वज को माना गुरु’’

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नव संवत्सर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस कस्बे में निकाला पथ संचलन

नई टिहरी (पंकज भट्ट): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने नव संवत्सर चैत्र प्रतिपदा और आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार की जयंती पर नगर पंचायत घनसाली में पथ संचलन निकाला। रविवार को घनसाली नगर पंचायत में चमियाला मार्ग पर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर भवन से पूर्ण गणवेश के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवक पथ संचलन के लिए एकत्र हुए और घनसाली नगर में पथ संचलन निकाला। इस मौके पर आरएसएस के प्रांत कार्यवाह दिनेश सेमवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यों से स्वयंसेवकों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि संघ का काम समाज के बीच समन्वय बनाना है।

संघ अपनी स्थापना के बाद से ही पूरे विश्व में अपने कार्यों के कारण पहचाना जाता है। कहा कि संघ अपनी स्थापना का 100वां वर्ष, 2025 में शताब्दी वर्ष के में रूप में मनाएगा। उन्होंने कहा कि कालखंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने काफी उतार-चढ़ाव भी देखे हैं। यहां तक कि संघ के सदस्यों का आपातकाल के दौरान काफी उत्पीड़न भी किया गया। विषम परिस्थितियों में भी संघ ने सेवा, चेतना और नवजागरण का काम जारी रखा। आज भी देश पर आने वाली तमाम विपदाओं के समय संघ का स्वयंसेवक दीवार की तरह खड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने गुरु के रूप में किसी व्यक्ति को नहीं बल्कि भगवा ध्वज को गुरु माना है, क्योंकि यह ध्वज ऊर्जा का संचार करता है। उन्होंने कहा कि संघ को न जानने वाले कुछ लोग देश के युवाओं को गुमराह करने का प्रयास करते हैं, ऐसी ताकतों से सतर्क रहने की जरूरत है।

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वहीं, खंड कार्यवाह सुरेन्द्र मैठाणी ने कहा कि पथ संचलन से हमारे स्वयंसेवकों में एक नई ऊर्जा का संचार होता है, जबकि हमारे पंचांग हिंदू नववर्ष के अनुसार होते हैं और आरएसएस के संस्थापक डॉ हेडगेवार जन्म दिवस भी हिंदू नववर्ष के दिन ही मनाया जाता है।

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