भ्रष्ट के साथ अय्याश भी थे राम विलास? PCS से ऐसे बने IAS, पत्नी के रहते रचाई दूसरी शादी

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भ्रष्ट के साथ अय्याश भी थे राम विलास? PCS से ऐसे बने IAS, पत्नी के रहते रचाई दूसरी शादी

  • विजिलेंस की निगाह में हैं ये चौंकाने वाले तथ्य, पहली पत्नी से एक बेटी भी, अब मायके में रहती है पहली पत्नी

देहरादून (आशीष डोभाल) : अपर सचिव समाज कल्याण की अपार संपत्ति देखकर हर कोई हैरान है। यूपी में पीसीएस रहे रामविलास ने समय-समय पर अपने पद और अधिकारों की आड़ में कई बड़े खेल किए। उत्तर प्रदेश में जब उनकी चहेती सरकार चले गई तो राम विलास उत्तराखंड आ धमके और यहां पीसीएस से आईएएस कैडर में पदोन्नत भी हो गए। आय से 500 गुना अधिक सम्पत्ति के फेर में फंसे आईएएस राम विलास यादव सेवा निवृत्त होने से चंद दिन पहले अपने काले कारनामों के लिए सुर्खियों में हैं। एक दिन पहले विजिलेंस की टीम ने उनके देहरादून, लखनऊ समेत चार ठिकाने खंगाले थे। इन ठिकानों पर हालांकि राम विलास के परिजन और वह खुद कहीं नहीं मिले। एक ट्रस्ट की जमीन पर जहां इन्होंने कब्जा कर रखा है वहीं एक करीब 10 करोड़ की लागत का स्कूल भी लखनऊ में है। 18 से अधिक प्लॉट इनके देहरादून के सरकारी आवास से मिले हैं। यही नहीं लखनऊ के दिलकश विहार में रामविलास की की करोड़ की आलीशान कोठी है। सूत्रों की मानें तो राम विलास यादव भ्रष्ट के साथ ही बड़ा अय्याश भी रहा। राम विलास ने पत्नी होते हुए भी दूसरी शादी रचा ली थी। दरअसल, पहली पत्नी गिरिजा देवी पहले गाजीपुर में परेवां के घर की देखभाल करती थी। वहां के ग्रामीणों के अनुसार PCS से प्रमोट होकर IAS बने रामविलास यादव ने कुछ समय बाद अपनी पत्नी को भी वहां से हटवा दिया था। इसके बाद उनकी पत्नी अपने मायके राजापुर मारकियां में रह रही हैं। इससे पत्नी से राम विलास की एक बेटी भी है जिसकी अब वाराणसी में शादी हो चुकी है।

भ्रष्ट के साथ अय्याश भी थे राम विलास? PCS से ऐसे बने IAS, पत्नी के रहते रचाई दूसरी शादी

दरअसल, जिसकी चलती, उसकी की क्या गलती वाली कहावत राम विलास पर सटीक बैठती है। यूपी में तमाम घोटाले और गबन के बाद जैसे ही सपा की सरकार का तख्तापलट होने के बाद योगी की सरकार उत्तर प्रदेश में काबिज हुई वैसे ही राम विलास ने उत्तराखंड के लिए पलायन करवा लिया। उनकी तिकड़म इतनी तेज रही कि पीसीएस के तौर पर उत्तराखंड में आए और प्रमोशन पाकर आईएएस भी बन गए। वह रिटायर होने से पहले ही लंबी छुट्टी पर हैं। यूपी सरकार की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई के बाद उत्तराखंड और यूपी विजिलेंस संयुक्त रूप से अलग-अलग स्तर से आईएएस राम विलास की कुंडली खंगाल रहे हैं। पूर्व में यूपी में रही सपा सरकार से राम विलास यादव की काफी करीबियां रही और यूपी में भाजपानीत योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद इस भ्रष्ट अफसर ने अपना तबादला उत्तराखंड में करवा दिया।

ramvilas

अब देखना होगा कि उत्तराखंड और यूपी विजिलेंस राम विलास के भ्रष्टाचार का दूध का दूध और पानी का पानी करते हैं। हालांकि पहले भी कई भ्रष्ट अधिकारियों पर विजिलेंस की जांचें होती रही हैं, लेकिन जांच अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पाती और मामले ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं। राम विलास के समाज कल्याण विभाग में रहते हुए कई करोड़ रुपये का छात्रवृत्ति घोटाला भी सामने आया फिर सरकार ने उसकी कुर्सी पर कोई जांच तो दूर आंच भी नहीं आने दी। इसके साथ अपर सचिव के दो चहेते अधिकारियों की कुंडली विजिलेंस फिर से खंगाल सकती है। इनमें एक रिटायर्ड हो चुके सहाक निदेशक एनके शर्मा और दूसरे सहायक निदेशक कांतिराम जोशी पर करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति मामले में मुकदमा दर्ज और विजिलेंस इन दोनों से पूछताछ भी कर रही है। अब देखना होगा कि इन पर भी विजिलेंस अपनी तेज निगाह डालेगी या फिर यह पहले की तरह ही ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।