पहाड़ में यहां फिर उठी अपनी बोली को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

0
201

बागेश्वर।(संवाददाता- मनोज टंगडियाँ): उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र की संस्कृति को अपने में समेटे हुए, कुमाऊं की प्रथम मासिक कुमाउनी पत्रिका पहरु द्वारा आयोजित 13वां राष्ट्रीय कुंमाऊनी भाषा सम्मेलन कुमाऊं के बागेश्वर में वृक्ष पुरूष किशन सिंह मलडा के नेतृत्व में मनाया गया। 3 दिवसीय इस राष्ट्रीय कुमाऊनी भाषा सम्मेलन में प्रदेश और देश के तमाम  कुंमाउनी भाषा से प्रेम करने वाले कवि, लेखक, पत्रकार, और सम्पादकों की उपस्थिति के साथ ही स्थानीय कुंमाऊनी भाषा प्रेमी लोगों द्वारा कुमाऊं भाषा में लिखी पुस्तकें भी इस सम्मेलन में दिखी।

सम्मेलन में यह मांग उठाई गई कि कुंमाउनी भाषा को भारतीय संविधान कि 08वीं अनुसूची में मान्यता देकर शामिल किया जाए। दूसरी मांग यह उठाई गई कि कक्षा एक से लेकर एमए तक बच्चों को कुमाऊनी भाषा में भी पाठ्यक्रम पढ़ाया जाए।

सम्मेलन में वक्ताओं ने उत्तराखंड की सरकारों पर रोष व्यक्त किया, कि इन 21 सालों में किसी भी सरकार ने कुमाऊं भाषा बोली के उत्थान के लिए कुछ भी नही किया। बागेश्वर में कुंमाउनी साहित्य की पुस्तकें कम होने के कारण किशन सिंह मलडा वृक्ष पुरूष द्वारा कुमाऊनी भाषा का एक पुस्तकालय का भी इस अवसर पर उदधाटन किया गया।

https://devbhoominews.com Follow us on Facebook at https://www.facebook.com/devbhoominew…. Don’t forget to subscribe to our channel https://www.youtube.com/devbhoominews