वैज्ञानिकों को मिला पृथ्वी जैसा ग्रह जहां से मिल रहे हैं रहस्यमयी सिगनल्स

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New Planet like Earth
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New Planet like Earth: कहीं ये सिगनल्स एलियंस तो नहीं दे रहे?

New Planet like Earth: वैज्ञानिक आए दिन ऐसी कई खोज़ें करते रहते हैं जिनकी कल्पना भी कोई नहीं कर सकता। इन्हीं खोजों के बीच वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ग्रह की खोज (New Planet like Earth) की है जो धरती की ही तरह है। ये ग्रह धरती से करीबन 12 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है जो एक तारे का चक्कर लगा रहा है।

वैज्ञानिकों ने इस ग्रह (New Planet like Earth) को पृथ्वी 2.0 नाम दिया है वैसे असल में इस ग्रह का नाम है YZ Ceti b जो कई रहस्यों से भरा है। इन्हीं रहस्यों के बीच यहां से कुछ रहस्यमयी सिग्नल्स भी आ रहे हैं, ये सिगनल्स संकेत दे रहे हैं कि इस ग्रह पर भी धरती की तरह ही अपना एक अलग चुंबकीय क्षेत्र हो सकता है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि चुंबकीय क्षेत्र होने के कारण ये ग्रह (New Planet like Earth) रहने लायक हो सकता है। शोधकर्ताओं का इस विषय पर कहना है YZ Ceti b एक्सोप्लैनेट पर अगर चुंबकीय क्षेत्र है तो यहां जीवन भी संभव हो सकता है जैसे की पृथ्वी पर है।

आपको बता दें कि एक्सोप्लैनेट उन ग्रहों को कहा जाता है जो सौर मंडल के बाहर किसी तारे का चक्कर लगाते हैं। इस ग्रह (New Planet like Earth) से आने वाले सिग्नल्स का अवलोकन बकनेल विश्वविद्यालय में कार्यरत खगोलविद जैकी विलाडसन और अमेरिका के कोलोराडो विश्वविद्यालय के खगोलविद सेबस्टियन पिनेडा द्वारा किया गया है। उन्होंने इस खोज के लिए कार्ल जी जांस्की वेरी लार्ज एरे नामक एक दूरबीन का इस्तेमाल किया है।

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खगोलविद जैकी का कहना था कि जो किसी ने पहले कभी नहीं देखा वो वह देख रहे हैं। इन सिगनल्स के बारे में उनका कहना था कि ये दिखने में बेहद खूबसबरत नजर आ रहे थे। इसके बाद जब दौबारा इन सिगनल्स को देखा गया तो ये सिगनल्स कुछ संकेत दे रहे थे मानों वो यह कहना चाह रहे हों कि असल में उनके पास बहुत कुछ है।  

वहीं सेबस्टियन पिनेडा जो की कोलोराडो विश्वविद्यालय के खगोल भौतिकविद हैं। उनका इस विषय पर कहना है कि एक ग्रह (New Planet like Earth) के मजबूत चुंबकीय क्षेत्र पर ये निर्भर करता है कि उस ग्रह (New Planet like Earth) के वायुमंडल के साथ इंसान जिंदा रह सकता है या नहीं।     

दरअसल चुंबकीय क्षेत्र का कार्य होता है कि यदी किसी भी ग्रह (New Planet like Earth) के वातावरण में शक्तिशाली तारकीय हावाएं मौजूद होती हैं तो यह उस ग्रह के वातावरण को खराब होने से बचाता है। अगर उदाहरण दें तो कभी मंगल ग्रह का एक वातावरण हुआ करता था। यह ग्रह एक गीला और गर्म ग्रह हुआ करता था, मगर जब इस ग्रह से चुंबकीय क्षेत्र खत्म हो गया तो मंगल ग्रह का वातावरण भी धीरे धीरे खत्म हो गया।

आपको बता दें कि हमारे सौर मंडल के कुछ ग्रहों में चुंबकीय क्षेत्र मौजूद है, इन ग्रहों में बृहस्पति, यूरेनस, शनि और नेप्च्यून शामिल हैं। वहीं अगर बात करें एक्सोप्लैनेट्स की तो केवल YZ Ceti b (New Planet like Earth) ही ऐसा ग्रह नहीं है जहां चुंबकीय क्षेत्र होने का संकेत मिल रहा है बल्की ऐसे कई एक्सोप्लैनेट्स हैं जहां चुंबकीय क्षेत्र पाए जाने की खोज की गई है।

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