टीचर की मौत के बाद पत्नी पर झूलता था मुस्लिम, हिंदू गांव में ऐसे बनाई मस्जिद

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मुल्ला-मौलवी का नामों निशां नहीं, यहां हिंदू परिवार ने क्यों बनाई मस्जिद?

टीचर की मौत के बाद पत्नी पर झूलता था मुस्लिम आत्मा का साया

  • दो साल पहले बनाई मस्जिद फिर सब कुछ चल रहा ठीक, मुस्लिम विहीन और हिन्दू बाहुल्य गांव में बनाई मस्जिद, वीडियो वायरल

अल्मोड़ा/देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड के शांत पहाड़ी हिंदू बाहुल्य इलाकों में भी मुस्लिम समाज के लोग अपनी पैठ बना रहे हैं। समय-समय पर ऐसी खबरे सामने आ रही हैं। कई ऐसे इलाके जो मुस्लिम विहिन हैं वहां भी मुस्लिमों की घुसपैठ जारी है। ऐसा एक वीडियो ट्वीटर पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में साफ तौर पर बताया जा रहा है कि अल्मोड़ा के सल्ट विधानसभा क्षेत्र के मानिला गांव में दूर-दूर तक कोई मुल्ला-मौलवी नहीं है फिर भी एक निजी घर में मस्जिद बना दी गई है। ऐसे नापाक कोशिशों का अगर विरोध नहीं किया गया तो वह दिन दूर नहीं जब हिन्दू यहां से पलायन करने को मजबूर होंगे। वहीं, जानकारी के अनुसार जिस हिंदू परिवार यह मामला है, वह पहले प्राइमरी स्कूल में पढ़ाते थे और कुछ साल पहले उनका निधन हो गया। उनकी पत्नी पर मुस्लिम आत्मा का साया था। वह महिला पर झूलता भी था। उनके अनुसार निवारण न होने तक उनके घर की स्तिथि बहुत खराब थी, मस्जिद के लिए स्थान देने के बाद ही सब कुछ ठीक हुआ। जिसके बाद करीब दो साल पहले उन्होंने यह मस्जिद बनाई।

भारत देश के लिए उत्तराखंड महत्वपूर्ण और अहम हिंदू प्रदेश है। यहां चारों धाम से लेकर गंगा-यमुना जैसी सदानीरा नदियों और तमाम छोटे-बड़े तीर्थ स्थल और मंदिर हैं। यहां प्राचीन काल से ही लोग तीर्थाटन के लिए आते रहे हैं। ऐसे में मुस्लिम विहीन गांव में कैसे एक मस्जिद बना दी गई है, यह अपने आप में बड़ा सवाल है।

सोशल मीडिया एक यूजर ने एक घर के पास बनी मस्जिद की वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि ‘‘सल्ट के मानिला क्षेत्र का वीडियो सोशल मीडिया में दिखाई दिया। जबकि इस क्षेत्र में दूर दूर तक मुस्लिम मौलवी नहीं है तो वहां ऐसा धार्मिक स्थान होना बड़े आश्चर्य की बात है। ट्विट होने के बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

जानकारी के अनुसार यह वीडियो अल्मोड़ा जिले के सल्ट विधानसभा के पोस्ट ऑफिस क्वेराला सल्ट क्षेत्र का बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सल्ट के जिस परिवार का यह मामला है, वह पहले प्राइमरी स्कूल में पढ़ाते थे और कुछ साल पहले उनका निधन हो गया। उनकी पत्नी पर मुस्लिम आत्मा का साया था। वह महिला पर झूलता भी था। उनके अनुसार निवारण न होने तक उनके घर की स्तिथि बहुत खराब थी, मस्जिद के लिए स्थान देने के बाद ही सब कुछ ठीक हुआ। जिसके बाद करीब दो साल पहले उन्होंने यह मस्जिद बनाई।

https://twitter.com/bholudaa/status/1519557635296854016