Home काम की खबर खनन वाहन स्वामियों ने स्टोन क्रैशर संचालकों पर लगाया उत्पीड़न का आरोप

खनन वाहन स्वामियों ने स्टोन क्रैशर संचालकों पर लगाया उत्पीड़न का आरोप

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खनन वाहन स्वामी आत्मदाह करने को हैं मजबूर

गोला नदी से सरकार को तो करोड़ों का राजस्व मिलता ही है साथ ही साथ गोला से जुड़े कईं हजार वाहन स्वामियों का भी रोजगार चलता है। पिछले 8 दिन से नदी में खनन कार्य बंद है जिसके कारण खनन वाहन स्वामियों ने स्टोन क्रैशर संचालकों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बता दें कि बीते 2 दिन से लाल कुआं के मोटा हल्दु मैं एन एच के निकट सैकड़ों मोटर मालिक भाड़ा ना बढ़ाए जाने से नाराज होकर अनशन पर बैठे हैं।

गोला नदी के खनन वाहन स्वामियों का कहना है कि पिछले वर्ष खनन कार्य में लगे वाहन स्वामियों को ₹35 कुंटल भाड़ा दिया जा रहा था लेकिन इस महंगाई में अब इस वर्ष स्टोन क्रैशर स्वामियों ने मनमानी करते हुए ₹25 प्रति कुंटल का भाड़ा खोला है, जिस कारण उन्हें बहुत अधिक नुकसान हो रहा है। खनन वाहन स्वामियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इस विषय पर सरकार या स्टोन क्रेशर मालिक कोई सही रास्ता नहीं निकालते हैं तो वह अनशन के साथ-साथ आत्मदाह करने को भी विवश होंगे।

वहीं वाहन स्वामियों ने कहा है कि 24 दिसंबर को हल्द्वानी के स्टेडियम में प्रधानमंत्री मोदी का दौरा है और अगर प्रशासन और सरकार उनकी मांगों को नहीं मनवाती है तो वह स्टेडियम के बाहर आत्मदाह करने को विवश होंगे। वहीं दूसरी तरफ स्टोन क्रेशर यूनियन ने माल क्रय और विक्रय करना पूरी तरीके से बंद कर दिया है, स्थिति बद से बदतर होती नजर आ रही है, लगता है अगर जल्द ही इनकी मांगे नहीं मानी गई तो कोई अनहोनी भी हो सकती है।

वाहन स्वामियों का यह भी आरोप है कि क्षेत्रीय विधायक को भी पूरे मामले का संज्ञान है उसके बावजूद भी इतने दिन से बंद नदी को खुलवाने के लिए सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है, मोटर मालिक तथा गोला नदी में आए हुए कई राज्यों के मजदूरों को भी परेशानी झेलने पर मजबूर होना पड़ रहा है, ऐसे में अगर जल्द ही नदी में खनन कार्य प्रारंभ नहीं होता है तो यहां बाहरी राज्यों से आए हुए मजदूर भी वापस जाने को बाध्य होंगे।

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