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Mahaabharat kaal के वो 5 गांव जो पांडवों ने कौरवों से मांगे थे

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Mahaabharat kaal के वो 5 गांव जो पांडवों ने कौरवों से मांगे थे

Mahaabharat kaal के वो 5 गांव 

रामधारी दिनकर की कुछ पक्तियां जो कभी ना कभी आपने भी जरुर सुनीं होंगी। उनकी कुछ लाइनें  हैं- दो न्यान अगर तो आधा दो, पर, इसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल पांच ग्रांम, रखो अपनी धरती तमाम, हम वहीं खुशी से खायेंगे, परिजन पर असि न उठायेंगे।

Mahaabharat Kaal के वो 5 गांव जो पांडवों द्वारा कौरवों से मांगे गए थे

Mahaabharat kaal के वो 5 गांव जो पांडवों ने कौरवों से मांगे थे
Mahaabharat kaal के वो 5 गांव जो पांडवों ने कौरवों से मांगे थे

Mahaabharat kaal के दौरान जब भगवान श्रीकृष्ण हस्तिनापुर में पांडवों के लिए 5 गांवों की मांग कर रहे थे तो दुर्योंधन वो 5 गांव भी पांडवों को देने से मना कर देता है। लेकिन किसी न किसी के मन में ये सवाल जरूर उठता होगा कि आखिर वो 5 गांव कहां हैं तो आज हम इन्हीं गांवों के बारे में आपको बताएंगे।

1. व्याघप्रस्थ
Mahaabharat kaal के व्याघप्रस्थ को आज बागपत कहा जाता है। आज ये जगह उत्तप्रदेश में स्थित है। माना जाता है कि इस जगह को मुगलकाल से बागपत कहा जाने लगा। कहा जाता है कि Mahaabharat kaal के दौरान इसी जगह पर दुर्योधन ने लाक्षागृह का निर्माण करवाकर पांडवों को मारने की साजिश रची थी। लाक्षागृह एक भवन था,जिसे दुर्योधन ने पांडवों के विरुद्ध एक षडयंत्र के तहत उनके ठहरने के लिए बनाया था।

इसे लाख से निर्मित किया गया था, ताकि पांडव जब इस घर में रहने आएं तो चोरी छीपे इसमें आग लगा कर उन्हें मारा जा सके। लाख से बनें महल के अवशेष आज भी वारणावत में पाए जाते हैं बरनावा मेरठ जिले में स्थित है। मेरठ से 35 और सरधना से 17 किलोमीटर दूर बागपत जिले में स्थित एक तहसील का नाम वारणावत है। लाक्षागृह नामक इमारत के अवशेष यहां आज भी एक टीले के रूप में दिखाई देते हैं।

2. इंद्रप्रस्थ
Mahaabharat kaal  के दौरान जब पांडवों और कौरवों के बीच संबंध खराब हो गए थे तो धृतराष्ट्र ने यमुना के किनारे खांडप्रस्थ क्षेत्र को पांडवों को देकर अलग कर दिया था. यह क्षेत्र बहुत ही ज्यादा दुर्गम था। माना जाता है कि यहां की जमीन खेती लायक नहीं थी यानी की बिल्कुल भी उपजाऊ नहीं थी, लेकिन पांडव जब यहां पर आए तो उन्होंने इस जगह को आबाद कर दिया। इसके बाद पांडवों ने रावण के ससुर और महान शिल्पकार मायासुर से विनती कर यहां सुंदर नगरी बसाई, जिसका नाम इंद्रप्रस्थ रखा गया। वर्तमान में दिल्ली का दक्षिणी इलाका महाभारत काल का इंद्रप्रस्थ माना जाता है।

Mahaabharat kaal के वो 5 गांव जो पांडवों ने कौरवों से मांगे थे

3.  पांडुप्रस्थ
महाभारत काल में आज के पानीपत को पांडुप्रस्थ कहा जाता है। इसी पानीपत के पास कुरुक्षेत्र स्थित है। यहीं पर महाभारत का युद्ध हुआ था।

Mahaabharat kaal के वो 5 गांव जो पांडवों ने कौरवों से मांगे थे

4. तिलप्रस्थ
तिलप्रस्थ नाम का यह गांव आज तिलपत के नाम से जाना जाता है। ये गांव हरियाणा जिले का एक कस्बा है।

5. स्वर्णप्रस्थ
महाभारत का स्वर्णप्रस्थ आज सोनीपत के नाम से जाना जाता है। समय के साथ महाभारत का स्वर्णप्रस्थ सोनप्रस्थ कहलाया और फिर सोनीपत।

Mahaabharat kaal के वो 5 गांव जो पांडवों ने कौरवों से मांगे थे

तो ये थे Mahaabharat kaal के वो 5 गांव जो पांडवों ने कौरवों से मांगे थे।

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