Uttarakhand Devbhoomi Desk: जोशीमठ भूधंसाव को लेकर राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक अलर्ट मोड पर है। यहां जमीन धंसने (Landslide in Mussoorie) और घरों और भवनों की दीवारों में दरारें आने की घटनाओं ने तहलका मचा रखा है। इस बीच अब मसूरी में भी इस प्रकार की घटना सामने आई है। यहां लंढौर बाजार और साउथ रोड क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव को लेकर भू वैज्ञानिकों और भू तकनीकी सर्वेक्षण समिति के सदस्यों ने सर्वे किया। इस सर्वे के आधार पर टीम एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तैयार कर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपेगी। इसी के बाद मसूरी को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
Landslide in Mussoorie: इन क्षेत्रों में नए निर्माण पर रोक लग सकती है
बृहस्पतिवार को भू वैज्ञानिक और भू तकनीकी सर्वेक्षण समिति की टीम लंढौर बाजार (Landslide in Mussoorie) पहुंची। जिसके बाद टीम ने यहां लंढौर, जैन मंदिर के पास सड़क धंसने, टिहरी बाईपास रोड क्षेत्र का निरीक्षण किया। वहीं टीम में शामिल उत्तराखंड आपदा प्रबंधन एवं न्यूनीकरण केंद्र के अधिशासी निदेशक पीयूष रौतेला ने बताया कि शासन ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की एक समिति बनाई है, जो मसूरी में हो रहे भू-धंसाव की स्थिति का निरीक्षण कर रही है। इस सर्वे के आधार पर अब टीम अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे क्षेत्रों में जहां भूधंसाव हो रहे है वहां नए निर्माण पर रोक लग सकती है।
उधर, मसूरी में कई भवन ऐसे हैं जो भूकंप की दृष्टि से काफी (Landslide in Mussoorie) खतरनाक हैं। इस दौरान रुड़की आईआईटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. शारदा प्रसाद प्रधान ने कहा कि कोई भी भू-स्खलन एक दिन में नहीं होता। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है। ऐसे में इन सब क्षेत्रों का अध्यन किया जायेगा।
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