आकाश में बादलों के बीच जब टक्कर होती है यानी घर्षण होने से अचानक इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज निकलती है
Khatima News
उधमसिंह नगर के खटीमा में आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला की मौत हो गई वही अन्य दो महिलाएं घायल हो गई हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिली जानकारी के अनुसार खटीमा के नदन्ना गांव निवासी नरगेश देवी पत्नी स्व. राजेश सिंह राणा को दियां गांव में रिश्तेदारी में नामकरण संस्कार में शामिल होने जाना था।
वो अपनी बेटी प्रियाशीं राणा और बहू निशा राणा के साथ स्कूटी में चली गई।
Khatima News : बारिश के दौरान पेड़ के नीचे खड़ी थी महिला
देर शाम को जब वो तीनों घर लौट रही थी इस दौरान ऊईन-बनकटिया के पास तेज बारिश होने के कारण आकाशीय बिजली कड़कने लगी। ये देख वो जंगल के किनारे एक पेड़ के नीचे रुक गए। इसी दौरान जब तेज बिजली कड़की तो नरगेश नीचे गिर गई। इसके बाद प्रियांशी और निशा भी गिर गए। जब निशा को हल्का सा होश आया तो उसने इस बात की जानकारी अपने परिजनों को दी। सूचना पर तीनों को उप जिला चिकित्सालय लाया गया, यहां डॉक्टर ने नरगेश को मृत घोषित कर दिया। वहीं घायल बेटी और बहु का इलाज किया जा रहा है।
वहीं सूचना पर तहसीलदार शुभांगिनी,रजिस्ट्रार कानूनगो नरेंद्र गहतोड़ी ने घायलों का हालचाल जाना। तहसीलदार शुभांगिनी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि मृतका नरगेश के पति राजेश की 3 साल पहले मृत्यू हो गई थी। परिवार में बड़ी बेटी शिवानी और छोटी पुत्री प्रियांशी और पुत्र साहिल हैं।
Khatima News : क्या है आकाशीय बिजली
मौसम विज्ञान के अनुसार कड़क के साथ आसमान से गिरने वाली बिजली को तड़ित कहते हैं। अंग्रेजी में इसे लाइटिंग कहा जाता है। आकाश में बादलों के बीच जब टक्कर होती है, यानी घर्षण होने से अचानक इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज निकलती है, ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है। इस दौरान हमें तेज कड़क की आवाज आती है और बिजली की स्पार्किग की तरह प्रकाश दिखाई देता है। इसी को आकाशीय बिजली कहते हैं।
Khatima News आकाशीय बिजली के दौरान सावधानियां
आकाशीय बिजली बारिश औऱ बरसात के दिनों में जानलेवा साबित होती है औऱ आकाशीय बिजली पेड़ को प्रभावित करती हैं। ऐसे में तुरंत, बिजली के तारों, खंबों और मोबाइल टावर से दूर हट जाए। यदि आप आसमान के नीचे हो तो अपने हाथों को कानों पर लगा दीजिए, ताकि बिजली की तेज आवाज से कान के पर्दे न फट जाए। अपनी दोनों एड़ियों को जोड़कर जमीन पर उकडू बैठ जाएं।
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