कानपुर हिंसा : देश को संदेश पहुंचाने के लिए चुना था पीएम मोदी और राष्ट्रपति के दौरे का दिन

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कानपुर हिंसा के आरोपी

पुलिस की पूछताछ में बोले आरोपी मकसद हुआ पूरा

लखनऊ, ब्यूरो :  3 जून को कानपुर में दो समुदाय के लोगों के बीच हुई हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी की वॉट्सऐप चैट से साक्ष्य मिले हैं कि ये एक सोची समझी साजिश थी। दरसअल, शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दो समुदाय आमने-सामने आ गए थे और कुछ ही देर में हिंसा भड़क गई थी। उस वक्त ऐसा लगा रहा था कि शायद दुकानें बंद कराने को लेकर दो समुदाय के लोगों का ये विवाद अचानक हिंसक हुआ है। लेकिन अब जांच में ऐसे साक्ष्य मिल रहे हैं जिनसे पता चलता है कि ये कोई इत्फाक नहीं बल्की प्री-प्लान्ड साजिश थी। वहीं घटना से जुड़े एक्सक्लूसिव सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए हैं, जिसमें हिंसा से पहले बोतल में पेट्रोल दिया जा रहा है। दूसरी ओर हयात के वॉट्सऐप चैट में बाजार बंद के वीडियो और कुछ फोटो मिले हैं। जिसमें हयात लोगों को रोकने की जगह उन्हें भड़का रहा है। वॉट्सऐप चैट से ये बात सामने आई है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति के दौरे के दिन ही जानबूझकर कानपुर हिंसा की पूरी साजिश रची गई थी। दरसअल आरोपियों ने देश को संदेश पहुंचाने के लिए  पीएम मोदी और राष्ट्रपति के दौरे का दिन चुना था।

जांच में सामने आया है कि 3 जून को हुई हिंसा में उपद्रवियों ने पेट्रोल बम का इस्तेमाल किया था। हिंसा के दौरान कई पेट्रोल बम फेंके गए थे, वहीं हिंसा से ठीक पहले पेट्रोल पंपों से पेट्रोल खरीदा गया था। धर हिंसा के मुख्य आरोपी हयात ने केवल दिखावे के लिए कानपुर बाजार बंदी को वापस लिया था। ताकी पुलिस को गुमराह किया जा सके। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने आरोपी हयात जफर हाशमी, उसके साथी जावेद, सूफियान और राहिल से अलग-अलग पूछताछ की है। सभी आरोपी एक बयान एक जैसा है, जिसमें वो कह रहे हैं कि नूपुर शर्मा ने पैगंबर साहब को लेकर बयान दिया था, जिससे वो खासा आक्रोशित हैं और भविष्य में कोई ऐसा न करें, इसके चलते पीएम मोदी और राष्ट्रपति के दौरे के दिन को हिंसा के लिए चुना गया था। हयात जफर हाशमी और उसे अन्य साथियों का कहना है कि उनका मकसद पूरा हो गया और उपर तक उनकी बात पहुंच गई है। आरोपियों की माने तो बाजार बंदी का प्लान सिर्फ कानपुर का नहीं था बल्की उनकी कोशिश ये थी कि हर शहर में ऐसा हो।

कानपुर हिंसा के आरोपी

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कई नामचीन लोग भी साजिश में शामिल ! 

जांच में ये भी सामने आया है कि बवाल के दिन हयात जफर हाशमी ने शहर की कई नामचीन लोगों से बात की थी। हयात जफर हाशमी के फोन नंबर की CDR से इस बात का खुलासा हुआ है। इसलिए अंदेशा बढ़ गया है कि ये लोगों भी पर्दे के पीछे से साजिश में शामिल रहे हैं और सभी ने देश को संदेश पहुंचाने के लिए  पीएम मोदी और राष्ट्रपति के दौरे का दिन चुना था।