Uttarakhand Devbhoomi Desk: उत्तराखंड के जोशीमठ पर संकट मंडरा रहा है। पिछले कई दिनों से हो रहे भू-धंसाव के कारण (joshimath sinking reason) शहर के कई मकानों में दरार आ गई है। बताया जा रहा है कि लगभग 850 से ज्यादा घरों में दरारें पड़ गई हैं, जो और बढ़ती जा रही हैं। इन दरारों से स्थानीय लोग और ज्यादा परेशान हो गये है। ऐसे में आपदा पीड़ित लोग सरकार से विस्थापन, पुनर्वास और मुआवजे की मांग कर रहे है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि बद्रीनाथ में यात्रा शुरू होने से पहले इन्हें ठीक कर दिया जाएगा। वहीं प्रशासन की टीम लगातार प्रभावित इलाके से लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में जुटी हुई है।
joshimath sinking reason: उत्तराखंड सरकार आज करेगी मुआवजे का फॉर्मूला तय
बता दें कि जहां एक तरफ आपदा प्रबंधन विभाग पीड़ितों की सहायता के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाने की बात कर रही है (joshimath sinking reason) तो वहीं दूसरी तरफ लोगों के आशियाने और होटल तोड़े जाने का काम चल रहा है। ऐसे में ये बात सामने आती है कि प्रभावितों को कितना मुआवजा मिलेगा?
मुआवजे की मांग को लेकर पीड़ित परिवारों ने लगातार सरकार को घेरा हुआ है। इन सब के बीच अब उत्तराखंड सरकार ने कमेटी गठित की (joshimath sinking reason) जिसकी आज बैठक होने वाली है। और उसमें मुआवजे का फॉर्मूला तय किया जायेगा। इसके साथ ही बैठक में जिला प्रशासन द्वारा दिए गए सुझाव और स्थानीय लोगों की अपेक्षाओं पर मंथन कर उसका समाधान भी निकाला जाएगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जमीन का अधिग्रहण सरकार ने अपनी जरूरत के मुताबिक किया था इसलिए मुआवजे की रकम भी अधिक निर्धारित की गई है। ऐसे में हाईपावर कमेटी के सामने इसका फैसला करना एक बड़ी चुनौती है।
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