कभी सूखे की मार झेल रहे इस गांव में आज हैं ज्यादातर लोग करोड़पति

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Hiware Bazar Village
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Hiware Bazar Village:कैसे बदली इस गांव की दशा?

Hiware Bazar Village: भारत का वो गांव जो एक समय पर सूखे की मार जेल रहा था, अनाज न होने के कारण इस गांव के लोगों ने यहां से पलायन करना तक शुरु कर दिया था लेकिन अगर इस गांव को आज देखे तो इसकी तस्वीर अब बिलकुल बदल चुकी है। जैसे कई गांव अपनी सुंदरता को लेकर जाने जाते हैं वैसा कुछ इस गांव (Hiware Bazar Village) में नहीं है बल्की इस गांव को पूरे देश में यहां रहने वाले करोड़ पति लोगों से जाना जाता है।

ये अनोखा गांव महाराष्ट्र में स्थित है जिसका नाम है हिवरे बाजार गांव (Hiware Bazar Village). इस गांव में लगभग 305 घर हैं और इनमें से करीबन 80 परिवार करोड़पति हैं। करोड़पतियों का ये गांव महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है जहां आज पानी से लेकर बिजली तक की कोई कमी नहीं है, मगर हमेशा से ये गांव (Hiware Bazar Village) ऐसा नहीं हुआ करता था।

इस गांव (Hiware Bazar Village) में 80 से 90 के दशक के बीच भयानक सूखा पड़ा था और उस समय इस गांव के लोगों के पास पीने तक का पानी नहीं था, जिसके बाद इस गांव के सभी लोगों ने पलायन करना शुरु कर दिया। मगर इस गांव (Hiware Bazar Village) में कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने इन जटिल हालातों के आगे घुटने नहीं टेके और अपने गांव की इस समस्या को खत्म करने का तय कर लिया।

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गांव (Hiware Bazar Village) के इन लोगों द्वारा लगातार प्रयास करने के बाद 1990 में एक ‘ज्वाइंट फॉरेस्ट मैनेजमेंट कमेटी’ का निर्माण किया गया। इस कमेटी द्वारा गांव में कुए खोदने का कार्य शुरु किया गया और साथ ही श्रमदान के ज़रिये पेड़ लगाने का कार्य भी शुरु किया गया।

गांव (Hiware Bazar Village) में फिरसे पानी आने के बाद सरकार ने किसानों की काफी मदद की और फिर इस गांव के लोगों ने गांव में आलू और प्याज की खेती करना शुरु किया, जिसके बाद इस गांव के लोगों की आय का जरिया खेती ही बन गई। इस गांव (Hiware Bazar Village) के लोग खेतों में महनत करते रहे और फिर सराकर द्वारा इनकी महनत का फल भी इन्हें दिया गया। सरकार द्वारा इनको फंड दिया जाने लगा और फिर 1994 से 95 के बीच गांव में आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की गई, जिससे गांव में चल रहे कार्यों में तेजी आई।

आज की तारीख में बात करें तो इस गांव (Hiware Bazar Village) में 340 से भी ज्यादा कुंए हैं और कभी सूखे पड़ गए इस गांव में आज पानी की भी कोई कमी नहीं है।

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वहीं ये गांव (Hiware Bazar Village) इतना साफ सुधरा है कि इस पूरे गांव में आपको एक मच्छर तक नहीं दिखाई देगा। इस गांव को लेकर कहा जाता है कि यदी इस गांव में कोई व्यक्ति मच्छर पकड़ कर दिखा दे तो सरपंच उस व्यक्ति को ईनाम के तौर पर 400 रुपये देंगे।

इस गांव (Hiware Bazar Village) के सुधरे हुए हालातों को देखकर जो लोग इस गांव से पलायन कर चुके थे अब वो भी इस गांव में वापिस आ रहे हैं। यहां तक की 24 अप्रैल 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा “मन की बात” में भी हिवरे बाज़ार की प्रशंसा करते हुए कहा गया था कि पानी का मूल्य केवल वही जान सकते हैं जिन्होंने पानी की तकलीफ झेली है। इसलिए ऐसी जगहों पर पानी के संबंध में एक संवेदनशीलता भी होती है और साथ ही कुछ-न-कुछ करने की सक्रियता भी।

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के हिवरे बाजार (Hiware Bazar Village) में पानी की समस्या का समाधान निकालने के लिए क्रॉपिंग पैटर्न को बदलते हुए ऐसी फसलों को उगाने की ओर रुख किया गया जिसमें कम पानी का उपयोग हो, जिससे आज ये गांव एक खुशहाल गांव के रुप में विकसित हो रहा है।  

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