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हकीकत: 10 किमी डंडी कंडी से पैदल लाने के बावजूद नहीं मिला बुजुर्ग को इलाज, मौत

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चमोली (पुष्कर सिंह नेगी): उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिशअब आम जनजीवन पर भारी पड़ती नजर आ रही है। साथ ही बारिश उत्तराखंड में ग्रामीण क्षेत्रों की व्यवस्थाओं की पोल भी खोलते हुए नजर आ रही है। यहां ऐसा लग रहा है कि सारी व्यवस्थाएं राम भरोसे ही चल रही हैं। इस का एक उदाहरण ये घटना है, जिसमें पिछले एक माह से ग्रामीण सड़क के बंद होने के कारण एक बीमार वृद्ध को 10 किलोमीटर पैदलडंडी के सहारे पोखरी अस्पताल लेकर आया गया, यहां सही से इलाज न उन्हें रेफर कर दिया गया और एम्स ऋषिकेश में उनकी मौत हो गई।उत्तराखंड की सड़क से लेकर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलने वाला ये पूरा मामला चमोली जिले के रौता गांव का है।

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यहां ब्लॉक मुख्यालय पोखरी को जोड़ने वाली पोखरी-रौता मोटर मार्ग भारी बारिश के कारणबंद पड़ा हुआ है। जिसके कारण यहां एक दर्जन से अधिक गावों का सम्पर्क देश औरदुनिया से कटा हुआ है। 6 अगस्त को रौता गांव में एक वृद्ध व्यक्ति नंदन सिंह अचानकबीमार हो गये। रोड़ बंद होने के कारण नंदन सिंह के परिजन उनको डंडी के सहारे 10किलोमीटर पैदल पोखरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आये। उनके परिजनों और ग्रामीणों ने जान जोखिम में डाल कर गांव के टूटे रास्तों पर उन्हें डंडी कंडी से पैदल अस्पताल पहुंचाया।

अस्पताल पहुंचने में देरी और पोखरी अस्पताल में तमाम व्यवस्थाओं के न होने से उन्हें वहां से रेफर कर दिया गया। जिसके बाद उनके परिजन उन्हें एम्स ऋषिकेश लेकर आये और यहां सोमवार शाम को नंदन सिंह ने दम तोड़ दिया। आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे पहाड़ो में ग्रामीण अपना जीवन यापन कर कर रहे हैं। सड़क है न स्वास्थ्य की व्यवस्था।

इस घटना से आप साफ अंदाजा लगा सकते हैं कि गांवों में रहने वाले लोग मूलभूत सुविधाओं के अभाव में केवल भगवान के सहारे ही जी रह रहे हैं। इस घटना के बाद भी पीएमजीएसवाई के अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगे। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि रौता- पोखरी मार्ग को दो दिन के भीतर नहीं खुलता है तो 12 गावों के ग्रामीण पीएमजीएसवाई ऑफिस में प्रदर्शन करेंगे।

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