गोलमाल…पूर्व मंत्री ने स्कूलों में 600 करीबी और रिश्तेदार बना दिए बाबू और टीचर!

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अशासकीय स्कूलों में शिक्षक और कर्मचारियों की नियुक्तियों में भारी धांधली का आरोप,
अपर शिक्षा निदेशक मुख्यालय एसपी खाली और अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मंडल महावीर सिंह बिष्ट कर रहे मामले की जांच

देहरादून/हरिद्वार, ब्यूरो। उत्तराखंड में समय-समय पर नेता अपने करीबियों को अपने-अपने विभागों में बैक डोर से एंट्री दिलवाते रहे हैं। चाहे वह विधानसभा हो या सचिवालय समेत अन्य विभाग। वहीं, प्रदेश के शिक्षा विभाग में एक पूर्व मंत्री ने अपने करीब 600 करीबियों और रिश्तेदारों को तैनात कर दिया। इस संबंध में हरिद्वार निवासी राकेश अग्रवाल समेत कई माध्यमों से मिली शिकायतों में आरोप लगाया कि अशासकीय स्कूलों में शिक्षक और कर्मचारियों की नियुक्ति में गोलमाल हुआ है। यह नियुक्तियां पिछले साल 2021 में की गई हैं। इसमें एक हरिद्वार के ही पूर्व मंत्री का हाथ बताया जा रहा है।

वहीं, शिकायत के बाद उत्तराखंड शासन ने अपर शिक्षा निदेशक मुख्यालय एसपी खाली और अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मंडल महावीर सिंह बिष्ट की दो सदस्यीय कमेटी बनाकर मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा यह भी आरोप हैं कि जनपद में सरकारी स्कूलों में ऊर्दू के कुछ शिक्षकों को भी नियमों को अनदेखा कर नियुक्ति दी गई। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शासन को मिली विभिन्न शिकायतों के आधार पर अपर शिक्षा निदेशक मुख्यालय एसपी खाली और अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मंडल महावीर सिंह बिष्ट की दो सदस्यीय समिति गठित कर प्रकरण की जांच सौंपी गई है।

दूसरी ओर अपर शिक्षा निदेशक मुख्यालय एसपी खाली के मुताबिक जांच समिति की ओर से प्रकरण की तफ्तीश की जा रही है। जांच समिति ने प्रकरण में शामिल विभिन्न शिकायतकर्ताओं से इस मामले में साक्ष्य मांगे हैं। इस पर उनकी ओर से बीस दिन का समय मांगा गया है। कहा कि प्रकरण में साक्ष्य मिलने पर उसकी जांच कर जांच रिपोर्ट शिक्षा महानिदेशालय को सौंपी जाएगी। अशासकीय स्कूलों में नियुक्तियों के मामले की शिकायत मिली है, जिसके आधार पर प्रकरण की जांच कराई जा रही है। शिक्षा निदेशालय को अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली। बीस दिन के अंदर जांच रिपोर्ट आने के बाद मामले में कुछ नया मोड़ आ सकता है। कहीं न कहीं नेताओं और अफसरों की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा फर्जीवाड़ा होना संभव नहीं है।