Uttarakhand Devbhoomi Desk: बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेताओं में से एक मनोज वाजपेयी दर्शकों के बीच अपनी एक अलग ही पहचान रखते है। उनका दमदार (Ek Bandaa Kaafi Hai) अभिनय लोगों को उनकी फिल्म, वेब सीरीज की तरफ खींच कर ले ही आता है। ऐसी ही उनकी नई फिल्म “सिर्फ एक बंदा काफी है” ओटीटी प्लेटफॉर्म जी फाइव पर रिलीज हुई है जिसने दर्शकों को काफी प्रभावित किया है। बता दें कि इस फिल्म में मनोज वाजपेयी के अलावा सूर्य मोहन कुलश्रेष्ट, विपिन शर्मा और आद्रीजा रॉय मुख्य भूमिकाओं में है। वहीं फिल्म का निर्देशन किया है अपूर्व सिंह कार्की ने।
Ek Bandaa Kaafi Hai: सच्ची घटना पर बनी है फिल्म
बता दें कि ये फिल्म सत्य घटनाओं से प्रेरित है। ये कहानी जोधपुर (Ek Bandaa Kaafi Hai) के एक सत्र न्यायलय के वकील की है, जो एक 16 साल की लड़की को न्याय दिलाने के लिए पांच साल की लड़ाई लड़ता है। जिसका एक आश्रम के कद्दावर और बाहुबली बाबा ने यौन उत्पीड़न किया था। इस फिल्म की कहानी आसाराम बापू के मामले से प्रेरित है। फिल्म में मनोज बाजपेयी ने पीसी सोलंकी की भूमिका निभाई है, जो कई मुश्किलों का सामना करते हुए एक 16 साल की लड़की को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहा है।
मनोज वाजपेयी ने भले ही इस फिल्म को बहुत ही बेहतरीन सिनेमाई अनुभव बना दिया हो लेकिन इस फिल्म की कहानी दमदार है। “सिर्फ एक बंदा ही काफी है” जैसी फिल्म को दो घंटे तक असरदार बनाने की जिम्मेदारी लेखक-निर्देशक की थी और उन्होंने बहुत ही (Ek Bandaa Kaafi Hai) खूबसूरती से ये काम किया है। दीपक किंगरानी ने बहुत ही समझदारी के साथ ये फिल्म लिखी है। इस फिल्म की खास बात यह है कि यह रेप जैसे विषय पर आधारित है और लेखक और निर्देशक की जोड़ी इसे बेहद संवेदनशील बना कर प्रस्तुत करती है।
फिल्म में कोई नाटकीय ड्रामा नहीं है। अंत तक फिल्म को काफी (Ek Bandaa Kaafi Hai) सटीक बनाए रखते हुए समीर कोटियन ने बड़ी कुशलता से फिल्म का संपादन किया। फिल्म के कुछ सीन इमोशनल हैं और आखिरी सीन रोंगटे खड़े कर देता है।इस फिल्म को imdb पर 7.7 पॉइट्स मिले है। फिल्म का कथानक बहुत ही मजबूत है और उस पर मनोज वाजपेयी की अदाकारी ने इस पर चार चाँद लगाने का काम किया है। ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए कहीं पर भी ऐसा नहीं लगेगा कि कुछ खींच रहा है या ज्यादा डाला गया है।
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