चारधाम यात्रा में दूसरे राज्यों से आने वाले कमर्शियल वाहनों पर लगे रोक

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चारधाम यात्रा को लेकर टैक्सी संचालकों में नाराजगी, स्थानीय टैक्सी संचालकों का व्यवसाय हो रहा प्रभावित

देहरादून (अरुण सैनी): उत्तराखंड में 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी। जबकि केदारनाथ के कपाट 6 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट आए 8 मई को खुलने जा रहे हैं। चारधाम यात्रा को लेकर जहां सरकार तैयारियों में जुटी है वहीं देहरादून के टैक्सी मैक्सी संचालकों ने सरकार से अन्य राज्यों से आने वाले कमर्शियल वाहनों पर रोक लगाने की मांग की है।

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टैक्सी संचालकों का कहना है कि बाहर की गाड़ियों से उनका व्यवसाय प्रभावित होता है। मैक्सी कैब टैक्सी वर्क्स यूनियन उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह राणा का कहना है कि इस बार हर मोटर मालिक और चालक चार धाम यात्रा से उम्मीद लगाए बैठा है, क्योंकि बीते 2 वर्षों से कोरोना के कारण यात्रा स्थगित रही, जिस कारण टैक्सी संचालकों का काम चैपट रहा। शेर सिंह राणा ने कहा कि टैक्सी मैक्सी संचालकों को राहत देने के लिए सरकार कम से कम 2 साल का टैक्स माफ करती तो हमें थोड़ी राहत मिल जाती। उन्होंने बताया कि इस बार यात्रा चलने की उम्मीद को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक गाड़ी मालिक ने अपने वाहनों पर 60 से 70 हजार रुपए खर्च कर डाले,लेकिन जिस प्रकार से कोरोना की फिर से आशंका बन गई है, उससे यात्रा को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। उन्होंने सरकार से पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की भी मांग की, उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ने से मोटर मालिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है तो वही किराया महंगा होने से जनता को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। शेर सिंह राणा का कहना है कि चार धाम यात्रा से टैक्सी संचालकों और चालकों को फायदा तब हो सकता है जब अन्य राज्यों से आने वाले कमर्शियल वाहनों को ऋषिकेश देहरादून और हरिद्वार में रोक दिया जाए। इससे उत्तराखंड प्रदेश के टैक्सी और मैक्सी संचालकों को यात्रा का लाभ मिलेगा और बीते 2 वर्षों से उनके चैपट हुए व्यवसाय की थोड़ी बहुत रिकवरी हो पाएगी।

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वाहन संचालक राजेश का कहना है कि सरकार भले ही चार धाम यात्रा की तैयारियों में जुटी हुई है लेकिन उत्तराखंड वासियों को यात्रा का लाभ नहीं मिल पाता है, उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों से कमर्शियल वाहन आकर हमारा व्यापार छीन लेते हैं। ऐसे में सरकार को कठोर कदम उठाते हुए बाहर से आने वाले वाहनों को हरिद्वार ऋषिकेश और देहरादून की पार्किंग में ही रोक देना चाहिए। जिससे प्रदेश के टैक्सी संचालकों को यात्रा का लाभ मिल सके और कोरोना काल मे आर्थिक रूप से कमजोर हुए वाहन संचालकों की स्थिति मजबूत हो सके।