दुःखद…कार सवार छात्र ने आटो को मारी टक्कर, धड़ से अलग हो गया एक बच्चे का सिर

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दिल्ली में उत्तराखंड के एक परिवार को तबाह कर गया नशे में कार सवार बीए का छात्र
आटो चालक समेत सभी सवार गंभीर घायल, बेटे की मौके पर जबकि मां की इलाज के दौरान मौत

नई दिल्ली, ब्यूरो। नशे में धुत कार सवार युवक ने आटो में सवार मूलरूप पिथौरागढ़ उत्तराखंड के रहने वाले एक परिवार को इतनी भीषण टक्कर मारी कि एक 13 वर्षीय बच्चे का सिर धड़ से ही अलग हो गया। दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में बारापुला फ्लाईओवर पर बेलगाम टाटा नैक्सन कार ने आटो को इतनी जोर से टक्कर मारी कि आटो के अंदर बैठे सभी यात्री दूर-दूर छिटक गए। टक्कर इतनी खतरनाक थी कि इस दौरान 13 वर्षीय बच्चे का सिर धड़ से ही अलग हो गया। खौफनाक मंजर देख लोगों के रौंगटे खड़े हो गए। पुलिस ने एंबुलेंस की मदद से घायलों को एम्स ट्रामा सेंटर भर्ती कराया, जहां 13 वर्षीय आयुष उर्फ करन को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि उसकी मां गीता भट्ट ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पिता जनार्दन भट्ट, भाई कार्तिक, आटो चालक वकार आलम का इलाज चल रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर कार चालक मुकुल तोमर को गिरफ्तार कर लिया है। कार चालक ने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी।

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मूलरूप से गांव घुनवारा, पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) के रहने वाले जनक जनार्दन भट्ट पत्नी गीता के अलावा दो बेटे कार्तिक और आयुष के साथ बड़े भाई मुकेश भट्ट जो साकेत इलाके में रहते हैं, होली मनाने गए थे। रात को घर लौटते समय आटो में निकले थे। बारापुरा होते हुए जब आटो काले खां की ओर जा रहा था, तभी पीछे से कार ने फ्लाईओवर पर आटो को टक्कर मार दी। आयुष आगे जा रही स्विफ्ट कार और आरोपी की कार के बीच आ गया, जिसकी वजह से उसकी गर्दन धड़ से अलग हो गई, वहीं परिवार के अन्य लोग इधर-उधर छिटक गए। आरोपी कार छोड़कर दोस्तों के साथ फरार हो गया। हालांकि बाद में मामला दर्ज कर पुलिस ने नोएडा के सेक्टर-78 निवासी आरोपित कार चालक मुकुल तोमर को गिरफ्तार कर लिया है। हादसे के वक्त आरोपित मुकुल तोमर अपने दो दोस्तों के साथ द्वारका से नोएडा लौट रहा था। बताया जा रहा है कि मुकुल ने अत्यधिक शराब पी रखी थी। वही गाड़ी चला रहा था। मुकुल सूरजमल कालेज में बीए तृतीय वर्ष का छात्र है। परिजनों ने बताया शुक्रवार को दिन में कार्तिक और आयुष ने जमकर मस्ती की थी। शाम को भी बच्चे घर जाने को तैयार नहीं थे। परीक्षा होने की बात कहकर माता-पिता जबर्दस्ती ले गए थे, लेकिन भगवान को शायद कुछ और ही मंजूर था। आयुष पांचवीं, कार्तिक 12वीं कक्षा का छात्र था।

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