देहरादून के मोह में 18 सौ पद खाली होने पर भी 132 शिक्षकों ने ठुकरा दी पदोन्नती

0
177

पौड़ी (कुलदीप सिंह बिष्ट)- उत्तराखंड में शिक्षकों का देहरादून मोह बढ़ता ही जा रहा है। आलम ये है कि अब शिक्षक अपनी पदोन्ती तक ठुकारा रहे हैं। पहाड़ों में खाली पड़े पदों में जाने को तैयार नहीं हैं। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर बिष्ट ने इस विषय पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि ऐसे में तो पहाड़ों शिक्षा का स्तर नहीं सुधरेगा।

kunwar singh 1

उत्तराखण्ड के पहाडी क्षेत्रों से सेवा देने से कतरा रहे सरकारी शिक्षको से देहरादून और अन्य सुगम क्षेत्रों का मोह नहीं छूट पा रही है। हालात ये हैं कि अब पहाडों में टिकने के बजाय देहरादून का मोह बांधे शिक्षक अपनी पदोन्नी तक ठुकरा रहे हैं। दअरसल कुछ दिनों पूर्व ही पौड़ी में गढवाल मण्डल के अपर निदेशक महावीर सिंह की अध्यक्षता में गढवाल मण्डल के शिक्षकों की कांउसलिंग पूरी हुई। इसमें प्राइमरी हेड मास्टर और जूनियर के शिक्षकों को एलटी संवर्ग में पदोन्न करने के लिये काउंसलिंग तो रखी गई। लेकिन 30 फीसदी कोटे के तहत सभी पदों को लेकर शिक्षकों के विकल्प यहां महकमे को मिल ही नहीं पाये। एलटी के 295 पदों को जहां गढवाल मण्डल में 30 फीसदी कोटे से भरा जाना था। तो वहीं इसके सापेक्ष 163 पदों पर विभाग को विकल्प मिल सके। इससे 132 शिक्षकों ने अपने विकल्प दिये ही नहीं। इन 132 शिक्षकों ने पदोन्नती नहीं ली। जबकि उनके सामने पहाड़ों में 1800 पद थे। जिसकी मुख्य वजह शिक्षकों को पहाड़ी जिले में नहीं बल्कि सुगम जिले देहरादून में दिलचस्पी थी। अधिकतर शिक्षकों ने देहरादून का विकल्प मांगा लेकिन ये विकल्प पदों में न होने से शिक्षकों ने अपनी पदोन्नती की ठुकरा डाला। गढवाल मण्डल के अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर बिष्ट ने इसे बहुत बड़ी विडम्बना माना है। कि उन्होंने बताया कि देहरादून का मोह लगाये शिक्षक पहाड़ पर रहकर शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में अब बिलकुल भी दिलचस्पी नहीं रख रहे हैं, जो कि शिक्षा विभाग के लिये भी चिंता का विषय है।