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Dehradun के 12 गाँव खतरे की जद में! सरखेत के ऊपर यहाँ बनी विशालकाय झील

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अफसर खतरे जैसी स्तिथि से कर रहे इनकार, झील की गहराई नापने जा रही प्रशासन की टीम

देहरादून, ब्यूरो। देहरादून (Dehradun) के रायपुर ब्लाॅक और नई टिहरी (New Tehri) के धनोल्टी तहसील के गांवों में भारी बारिश के बाद उफान पर आए नदी नालों के पानी और मलबे में कई जिंदगियां दफन हो गई हैं। Dehradun और टिहरी के चार लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। जबकि करीब 13 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

वहीं, दूसरी ओर आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित Dehradun के सरखेत गांव के ऊपर ताल गांव जो कि धनोल्टी तहसील नई टिहरी में मौजूद है, यहां एक विशालकाय झील बनने से कई गांव दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं। हालांकि Dehradun और टिहरी के प्रशानिक अफसर इससे किसी भी प्रकार का खतरा होने से इनकार कर रहे हैं। हर साल इस तरह इस जगह पानी इकट्ठा होने की बात अफसर कह रहे हैं और इसकी गहराई की जांच के लिए भी टीम भेजी जा रही है।

dm sonika in sarkhet

ताल गांव के पास बड़ा तलैयाः 1200 मीटर लंबी और 500 मीटर चौड़ी झील बनी

Dehradun की बांदल घाटी में बादल फटने के बाद रायपुर के सरखेत गांव भयंकर तबाही का मंजर देखा जा सकता है। कई घर, राशन की दुकान, वाहन समेत इंसान भी लापता हो गए हैं। दूसरी ओर सर खेत गांव के ऊपर टिहरी जिले में मौजूद ताल गांव में पानी की बड़ी झील बनने से कई गांव के लोग दहशत में हैं। यह झील 1200 मीटर लंबी और 500 मीटर चैड़ी बताई जा रही है। दूसरी ओर डीएम और एसडीएम धनोल्टी इससे किसी भी तरह का खतरा होने से इनकार कर रहे हैं। देहरादून डीएम ने भी इस संबंध में टिहरी डीएम से बात की है।

सरखेत तबाही के बाद दहशत में ग्रामीण

दो दिन हुई बारिश से उत्तराखंड की राजधानी से सटे सरखेत गांव में चारों ओर आपदा के जख्म देखे जा सकते हैं। इससे ग्रामीण दहशत में हैं। कई लोग प्रशासन से कुछ भी मांगने की बजाय सिर्फ उनके परिजनों के शव दिलाने की गुहार लगा रहे हैं। इस आपदा के बाद कई लोग अभी भी लगता हैं। कुछ लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। अब ताल गांव में विशालकाय झील बनने से निचले इलाके में मौजूद सरखेत गांव, तासीला, कुमाल्टा, धंतुकसेरा, मालदेवता आदि करीब दर्जनभर गांवों को खतरा पैदा हो गया है।

झील फटी तो दर्जनभर गांव हो जाएंगे लापता!

Dehradun की रायपुर और टिहरी जिले की धनोल्टी तहसील की सीमा पर मौजूद तालगांव से Dehradun की सीमा लग जाती है। ताल गांव के ग्रामीण वीरेंद्र के अनुसार 1200 मीटर लंबी और 500 मीटर चौड़ी इस झील की गहराई सैकड़ों फिट हो सकती है। अगर यह झील भारी बारिश के बाद फट गई तो दर्जन भर से अधिक गांव को अपने आगोश में ले जा सकती है। ग्रामीण उत्तम मिस्त्री, बलबीर नेगी, विजय, भारत, आजाद ने बताया कि पहले भी यहां पानी भरता था। लेकिन, इस बार झील बनने से हालात भयावह हो गए हैं।

एसडीएम धनोल्टी ने खतरे से किया इनकार

एसडीएम धनोल्टी तहसील लक्ष्मी राज चौहान के अनुसार बारिश से गहराई में हर साल पानी भरता है। पानी की गहराई की जांच की जा रही है। वैसे इससे कोई बड़ी खतरे जैसी संभावना से उन्होंने इनकार किया। वहीं, दूसरी ओर Dehradun डीएम सोनिका के अनुसार टिहरी जिले के ताल गांव में झील बनने को लेकर डीएम टिहरी से फोन पर बात हो चुकी है। खतरे जैसी स्थिति नहीं है। दोनों जिलों में समन्वय बनाकर प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाई जा रही है।

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