लिपुलेख दर्रे का दायरा बढ़ाने पर पड़ोसी नेपाल नाराज, भारत का इनकार

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देहरादून/दिल्ली, ब्यूरो। भारत का पड़ोसी देश नेपाल एक बार फिर इंडिया पर आरोप लगाने के साथ ही नाराजगी जाहिर कर रहा है। जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने उत्तराखंड राज्य के लिपुलेख दर्रे की सड़क का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। यानी भारत सरकार इस लिपुलेख दर्रे को चैड़ा करना चाहती है। यह बात सामने आने पर पड़ोसी देश नेपाल के सत्तारूढ़ दल के साथ ही विपक्ष के नेताओं ने भारत पर नेपाल की संप्रभुता और अखंडता की अनदेखी की जा रही है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पड़ोसी देश नेपाल ने भारत पर अपनी सीमा में दखल देने का आरोप लगाया है। इसके अलावा नेपाल के सत्ताधारी दल के साथ ही विपक्ष के राजनेताओं ने भी भारत के नेपाली संप्रभुता और अखंडता की अनदेखी करने की बात कही है। वहीं, इस मामले में देखा जाए तो अभी तक काठमांडो स्थित भारतीय दूतावास की ओर भारत सरकार के लिए ऐसा कोई लिखित बयान जारी नहीं किया है। काठमांठू दूतावास ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर किया है। दूतावास ने कहा है कि सीमा की स्थिति को लेकर नेपाल सरकार को बता दिया गया है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को फ्रेंडली बायलेटरल रिलेशंस के जरिए बातचीत के जरिए निपटाने का तय मैकेनिज्म बना हुआ है। आपको यह भी बता दें कि उत्तराखंड राज्य भारत, चीन और नेपाल के बीच ट्राई-जंक्शन की स्थिति वाले एरिया के लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी इलाकों को नेपाल अपना हिस्सा बताता रहा है। अपने इस दावे को सही ठहराने के लिए नेपाल ने पिछले साल अपना नया पॉलीटिकल मैप भी जारी किया था। अब देखना होगा कि भारत सरकार इस पर क्या बयान देने के साथ ही क्या कूटनीतिक कदम आगे बढ़ाता है।