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कोरोना के चलते सादे तरीके से होगी क्षेत्रपाल देवता की 12 वर्षीय महाकुंभ श्री राजजात

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देवपूजन समिति के अध्यक्ष ने दी जानकारी, एसडीएम को भी लिखा पत्र

श्रीनगर (संवाददाता): 12 साल बाद इस बार होने वाला क्षेत्रपाल देवता का 12 वर्षीय महाकुंभ श्री राजजात सादे तरीके से आयोजित किया जाएगा। इस दौरान होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेला निरस्त कर दिया गया है। हालांकि देवपूजन किया जाएगा लेकिन वह भी कोविड गाइडलाइन के अनुसार ही होगा। देवपूजन समिति के अध्यक्ष ने प्रशासन को इस दौरान यहां व्यवस्थाएं बनवाने की गुहार लगाई। इस पूजा के लिए जगह-जगह से लोग एकत्रित होते हैं। इसलिए व्यवस्थाएं बनाने में प्रशासन से गुहार लगाई गई है।

इस संबंध में देवपूजन समिति के अध्यक्ष रमेश गैरोला ने एसडीएम को पत्र जारी करते हुए कोविड नियमों के तहत इस आयोजन को निरस्त करने को कहा है। देवपूजन समिति धौडंगी-खलियाणी, बडियारगढ,़ टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष रमेश गैरोला ने बताया कि देव पूजन समिति ग्राम घौड़गी, खलियान बडियारगढ टिहरी गढवाल द्वारा ग्राम घौड़गी खलियाणी बडियारगढ़ टिहरी गढवाल में 6 जनवरी से 15 जनवरी .2022 तक श्री क्षेत्रपाल देवता की पारंपरिक 12 वर्षीय महाकुम्भ श्री राजजात 2022 का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में क्षेत्रपाल देवता के आशीर्वाद और दर्शन के लिए समस्त ग्रामीणों को विभिन्न माध्यमों से आमंत्रित किया गया था। वर्तमान में कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम हेत उत्तराखण्ड शासन के आदेश द्वारा राज्यान्तर्गत समस्त सांस्कृतिक कार्यक्रम 16 जनवरी तक निरस्त किये गये हैं। शासन के इन निर्देशों तथा जनसामान्य में कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम को देव पूजन समिति द्वारा पूर्व में निर्धारित समस्त सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा मेले के आयोजन को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गया है।

देव पूजन अनुष्ठान को पूजन समिति द्वारा काविड-19 के प्रोटोकाल का पूर्ण पालन कर विधिवत निष्पादित किया जायेगा। देव दर्शन हेतु उपस्थित होने वाले श्रद्धालुओं से निवेदन है कि वे कोविड-19 प्रोटोकाल तथा शासन द्वारा जारी नियमों का अनुपालन करते हुए ही उपस्थित होने का कष्ट करें। काविड-19 के प्रोटोकाल का उल्लघन करने वाले व्यक्ति या संस्था के विरुद्ध यदि प्रशासन द्वारा आपदा प्रबन्धन अधिनियम के अन्तर्गत कोई कार्यवाही की जाती है तो इसका तो देव पूजन समिति का कोई उत्तरदायित्व नहीं होगा।

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