कोरोना इफेक्ट: रैलियों पर जारी रहेगी रोक, 5 राज्यों में चुनाव करवाना बड़ी चुनौती

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देहरादून/नई दिल्ली, ब्यूरो। कोरोना का कहर कहीं न कहीं विधानसभा चुनावों पर देखने को मिल रहा है। देश और विभिन्न राज्यों बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग ने 15 जनवरी के बाद सभी राजनैतिक रैलियों, समारोह, मेलों, सांस्कृतिक समारोह आदि भीड़भाड़ पर रोक लगाए रखने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार अभी इस पर मंथन किया जा रहा है। हालांकि चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को वर्चुअल माध्यम से ही चुनाव प्रचार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही किसी भी प्रकार की गैदरिंग करने पर धारा 144 के तहत कार्रवाई करने के लिए संबंधित डीएम व एसडीएम या निर्वाचन विभाग के अधिकारी जिम्मेदार रहेंगे। कई नेताओं पर आचार संहिता उल्लंघन के केस भी दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसे में बढ़ते कोरोना के मामले राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ा रहे हैं। कहीं न कहीं अगर आगे भी राजनीतिक रैलियों पर रोक लगी रही तो चुनाव प्रचार करना राजनेताओं के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। दो दिन बाद ही अब सामने आएगा कि चुनाव आयोग इस संबंध में क्या फैसला लेता है।

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आपको बता दें कि 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान रैली और सभाओं पर रोक जारी रहेगी। सूत्रों के मुताबिक, महामारी के मौजूदा हालात को देखते हुए इलेक्शन कमीशन ने बैन को बनाए रखने का फैसला बरकरार रखा है। इससे पहले चुनाव की तारीखों की घोषणा के वक्त चुनाव आयोग ने कहा था कि 15 जनवरी तक किसी भी तरह की रैली, सभा और यात्रा पर रोक रहेगी। 15 जनवरी को हालात की समीक्षा करने के बाद फैसला लिया जाएगा। कहीं न कहीं देश के साथ ही दुनिया में कोरोना के नए स्वरूप के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। कोरोना ने दुनिया के कई ऐसे आयोजन रद्द करवाए हैं जिसकी शायद अभी तक किसी ने कल्पना भी न की हो। अब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के पांच महत्वपूर्ण राज्यों के चुनाव पर कोरोना का साया मंडरा रहा है। हालांकि चुनाव तिथियां से लेकर हर एक चीज घोषित हो गई हैं लेकिन प्रचार-प्रसार पर कोरोना का कहर कहीं न कहीं पार्टियों के लिए बड़ी चुनौती है।

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