15 साल पुराने मामले में आज सुप्रीम कोर्ट से CM Yogi Adityanath को बड़ी राहत ,नहीं दर्ज होगा मुकदमा
Hate Speech Case
UP CM Yogi Adityanath को 2007 में भड़काऊ भाषण देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए ये कहा है कि ऐसा कुछ भी प्रतीत नहीं होता है की मुकदमा दर्ज किया जाये और उसे खारिज कर दिया।
UP CM Yogi Adityanath मामले में 2012 तक रोक थी
इस 15 साल पुराने मामले में FIR दर्ज होने के बाद सरकार ने अपने आदेश में इस मामले को CBCID को सौंप दिया था। उसी समय एक आरोपी ने इलाहाबाद के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी और तभी हाई कोर्ट ने मामले की जांच पर रोक लगा दी और ये रोक 2012 तक रही।
CM Yogi Adityanath पर कई धाराओं में दर्ज हुआ था मुकदमा
CM Yogi Adityanath को लेकर 2007 में एक याचिकाकर्ता ने FIR दर्ज करने की मांग की थी जिसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने ख़ारिज कर दिया था। फिर एक बार इलाहबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में CJM को फैसला करने का आदेश दिया और उसी के परिणामस्वरूप सांसद योगी आदित्यनाथ और अन्य नेताओं पर अलग अलग कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था जैसे धारा 153, 153A, 153 B, 295,295 B,147,143,395,436,435,302, 427 और 452.
Hate Speech Case पूरा मामला
बताते चलें कि 11 साल पहले 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर में सांप्रदायिक दंगे हुए थे जिसमे दो लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे। इसी दंगे के बाद उस समय के तत्कालीन सांसद CM Yogi Adityanath, विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ,और तब की मौजूदा मेयर अंजू चौधरी पर भड़काऊ भाषण देने और दंगा भड़काने का आरोप लगा था ,ये भी कहा गया कि इस दंगे की वजह मुख्यमंत्री योगी द्वारा दिया गया भाषण ही था।
CM Yogi Adityanath को मिली राहत
आज सुप्रीम कोर्ट ने केस का संज्ञान लेते हुए कहा कि कहीं से भी इस मामले में तत्कालीन सांसद और मौजूदा CM Yogi Adityanath दोषी नहीं पाए जाते और इसका कोई प्रमाण नहीं है कि उनके भाषण की वजह से वो दंगा हुआ था। इस फैसले के बाद निश्चित ही मुख्यमंत्री योगी जी राहत की साँस लेंगे।
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