CBSE NEWS: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने डमी स्कूलों की समस्या से निपटने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को बोर्ड के अधिकारियों ने राजस्थान और दिल्ली के 27 स्कूलों में औचक निरीक्षण किया। सीबीएसई के अधिकारियों का कहना है कि इन निरीक्षणों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूल सीबीएसई द्वारा निर्धारित मानकों और नियमों का पालन कर रहे हैं। निरीक्षण टीमों में सीबीएसई के अधिकारी और सीबीएसई से मान्यता प्राप्त अन्य स्कूलों के प्रधानाचार्य शामिल थे।
CBSE NEWS: स्कूलों में गुणवत्ता और मानकों को बनाए के लिए निरीक्षण
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि निरीक्षणों के निष्कर्षों का गहन विश्लेषण किया जाएगा और जिन स्कूलों में नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीबीएसई अधिकारियों ने शिक्षा में उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए अपने समर्पण को दोहराया है और सभी संबद्ध स्कूलों से अपील की है कि वे बोर्ड के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करें। बोर्ड ने यह भी कहा कि वह भविष्य में भी इस तरह के औचक निरीक्षण जारी रखेगा ताकि सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में गुणवत्ता और मानकों को बनाए रखा जा सके।
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क्या होता है डमी स्कूल?
डमी स्कूल एक ऐसा स्कूल है जहां छात्रों को नियमित रूप से स्कूल जाने की आवश्यकता नहीं होती है। इस व्यवस्था में, कोचिंग सेंटर नियमित स्कूलों से साझेदारी करते हैं ताकि छात्रों को स्कूल के काम का बोझ कम करके प्रतियोगी परीक्षाओं, जैसे JEE और NEET, की तैयारी पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का समय मिल सके। इन स्कूलों को अक्सर कोचिंग सेंटर चलाने वाले संस्थान चलाते हैं। ये कोचिंग सेंटर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाते हैं। डमी स्कूलों का मुख्य उद्देश्य छात्रों को JEE और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना होता है। (CBSE NEWS)
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