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सोमवार नहीं बल्कि बुधवार को चढ़ाया जाता है यहां शिवलिंग पर जल, वजह है खास

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Budheshwar Mahadev Mandir: क्या है त्रेतायुग में निर्मित इस मंदिर का राज?

Budheshwar Mahadev Mandir: क्या आपने कभी किसी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जहां भगवान शिव की पूजा करने लोग सोमवार के दिन नहीं आते बल्की बुद्धवार के दिन आते हैं। नहीं सुना तो आज आपको एक ऐसे मंदिर (Budheshwar Mahadev Mandir) के बारे में बताएंगे जहां भगवान शिव का दिन सोमवार नहीं बल्की बुद्धवार माना जाता है।  

ये तो हम सभी को मालूम है कि यदी कोई व्यक्ति शिवलिंग पर रोज जल चढ़ाता है तो भगवान शिव उससे अत्यंत प्रसन्न होते हैं, लेकिन अगर कोई व्यक्ति समय के अभाव के चलते रोज जल नहीं चढ़ा पाता है तो वह सोमवार के दिन जल चढ़ाता है। ऐसा माना जाता है कि सोमवार भगवान भोले का दिन होता है और ऐसे में इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव अपने भक्तों से अत्यंत प्रसन्न होते हैं और उनपर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।

मगर भारत में एक शिव मंदिर (Budheshwar Mahadev Mandir) ऐसा भी है जहां भगवान शिव की विशेष पूजा सोमवार के दिन नहीं बल्की बुद्धवार के दिन की जाती है। ये अनोखा मंदिर उत्तर प्रदेश के लखनऊ की मोहान रोड पर स्थित है, जहां भगवान शिव की विशेष पूजा बुद्धवार के दिन की जाती है। मगर सवाल ये है कि जहां पूरे देश में भगवान शिव का दिन सोमवार माना जाता है वहां भला क्यों एक ही मंदिर (Budheshwar Mahadev Mandir) में शिव जी की पूजा बुद्धवार के दिन की जाती है।

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दरअसल इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा है। इस कथा के मुताबिक जब प्रभु श्रीराम द्वारा लक्ष्मण जी को माता सीता को वन में छोड़ने का आदेश दिया गया था तो उस वक्त लक्ष्मण जी माता सीता की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित थे।

इसके लिए लक्ष्मण जी ने इसी स्थान पर बैठकर भगवान शिव का ध्यान लगाया था जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने लक्ष्मण जी को दर्शन दिए और कहा कि थोड़ी ही दूरी पर वाल्मीकि आश्रम स्थित है, तुम माता सीता को उस आश्रम में छोड़ दो, वह इस आश्रम में सदैव सुरक्षित रहेंगी। इस दौरान माता सीता इसी स्थान पर बने कुंड में स्नान करने लगी जिसे आज सीता कुंड के नाम से जाना जाता है।

भगवान शिव के दर्शन पाने के बाद लक्ष्मण जी ने इसी स्थान पर शिव जी का मंदिर (Budheshwar Mahadev Mandir) बनाया और जिस दिन भगवान शिव ने लक्ष्मण जी को दर्शन दिए थे वो दिन बुद्धवार का ही दिन था और इसी कारण इस मंदिर (Budheshwar Mahadev Mandir) में भगवान शिव बुद्धेश्वर महादेव के रुप में विराजमान हो गए, जिसके बाद से लोग यहां भगवान शिव की विशेष पूजा बुद्धवार (Budheshwar Mahadev Mandir) के दिन करने लगे।

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