Betal Gufa: अब क्यों इन दीवारों से घी टपकना हो गया बंद?
Betal Gufa: एक ऐसा अनोखा मंदिर जिसकी दीवारों से टपका करता था धी, भक्तों द्वारा मांगे जाने पर यहां देवता उन्हें शादी में इस्तेमाल होने वाले बर्तन दिया करते थे, इसके साथ ही यहां और भी कई चमत्कार हुआ करते थे लेकिन फिर अचानक ये सभी चमत्कार होने बंद हो गए।
देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित इस गुफा का नाम है बेताल गुफा (Betal Gufa). एक समय था कि इस गुफा की दीवारों से घी टपका करता था लेकिन फिर बाद में इन दीवारों (Betal Gufa) से घी टपकना बंद हो गया। एक कहानी के मुताबिक एक बार एक चरवाहा अपने गाय बैसों को जंगल में चराने आया था। जानवरों को चराते- चराते उसे रात हो गई और उसने बेताल गुफा में रात बिताने का तय किया।
अब ये चरवाहा अपने साथ रोटी लेकर आया था जिसके बाद इसने गुफा के अंदर ही पोटली में से रोटी निकाली और गुफा (Betal Gufa) की दीवारों से टपक रहे घी को अपनी इन रोटियों में लगाकर खाने लगा। ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन से चरवाहे ने ऐसा किया उस दिन से ही गुफा की दीवारों से घी टपकना बंद हो गया।
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इस पर लोगों का कहना है कि क्योंकि गुफा (Betal Gufa) की दीवारों से टपकने वाला घी पवित्र था और इसे इस तरह से इस्तेमाल करने पर ये घी जूठा हो गया तो इस वजह से घी के अपवित्र होने के कारण ये घी इन दीवारों से टपकना ही बंद हो गया।
इसके साथ ही घी के टपकने को लेकर एक और मान्यता है कि लोगों में बढ़ते लालच और दुरोपयोग के कराण इस गुफा से घी टपकना बंद हो गया।
इसके बाद बेताल देवता की इस गुफा (Betal Gufa) को लेकर ये भी मान्यता है कि आस पास के गांव में जब भी कोई शादी होने वाली होती थी तो उस परिवार का मुखिया पूजा की थाल सजाकर इस गुफा में जाता था और सिंदूर से बेताल देवता की गुफा (Betal Gufa) पर निमंत्रण लिखता था।
इसके बाद परिवार का मुखिया बेताल देवता से बर्तन मांगा करता था और फिर अगले दिन गुफा (Betal Gufa) के बाहर वो सभी बर्तन मिला करते थे जो भक्त मांगते थे। वहीं विवाह संपन्न होने के बाद घर का मुखिया बर्तनों को वापिस गुफा (Betal Gufa) के बाहर रख आता था और फिर वो बर्तन अपने आप ही गायब भी हो जाते थे, लेकिन अब किसी को भी इस गुफा (Betal Gufa) से बर्तन नहीं मिलते हैं।
दरअसल स्थानीय लोगों का कहना है कि एक बार एक परिवार का मुखिया शादी के लिए बर्तन तो लेकर गया था लेकिन उसके मन में लालच आ गया और उसने वह बर्तन वापिस गुफा (Betal Gufa) के बाहर आकर नहीं रखे, बस इसी के बाद से गुफा (Betal Gufa) से बर्तन मिलने बंद हो गए।
भले ही आज इस गुफा (Betal Gufa) से ये सभी चीज़े मिलना बंद हो गईं हो लेकिन आज भी गुफा (Betal Gufa) में मौजूद मंदिर का काफी महत्व है। लोगों की ऐसी मान्यता है कि इस गुफा में मौजूद देवताओं से मांगी गई हर मनोकामना पूरी जरूर होती है।
इसके साथ ही अगर गांव की गाय बैंस बीमार पड़ जाती हैं या फिर दूध देना कम कर देती हैं तो ऐसे में बीमार गाय का दूध निकालकर गुफा में मौजूद मूर्तियों पर चढ़ाया जाता है और फिर उसी लौटे में मंदिर में बह रहे पानी को भरकर घर लाया जाता है और बीमार पशु पर छिड़का जाता है। लोगों की मान्यता है कि ऐसा करने से बीमार पशु ठीक हो जाता हैं। आपको बता दें कि इस गुफा (Betal Gufa) में बेताल भैरवी देवता के साथ साथ कई देवताओं की प्रतिमाएं मौजूद हैं जिन्हें आस पास लोग पूजते हैं।
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