दिल्ली ब्यूरो- योग गुरु Baba Ramdev ने एलोपैथी और डॉक्टर्स पर जो बयान दिया उसके बाद उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट ने Baba Ramdev से सवाल जवाब कर रहा है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रामदेव इस मामले पर अपना स्पष्टीकरण भी दे। वही इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने भी रामदेव को सलाह दी थी कि एलोपैथी के खिलाफ बोलकर लोगों को गुमराह न करे।
अन्य व्यवस्थाओं को गलत नहीं कहना चाहिए
आज सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के द्वारा दायर की गई याचिका के चलते पतंजलि आयुर्वेद को नोटिस भेजा इसी के साथ केंद्र सरकार को भी नोटिस भेजा गया।
आपको बता दें कि विज्ञापन के माध्यम से भी एलोपैथी को बदनाम किया गया, सुप्रीम कोर्ट के द्वारा इसकी भी सफाई मांगी गई है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के द्वारा कहा गया कि ‘Baba Ramdev को अधिकार है अपने प्रोडक्ट को लोकप्रिय बनाने का, लेकिन वह अन्य की आलोचना क्यों कर रहे हैं। भले ही उनके द्वारा योग लोकप्रिय बना है। लेकिन उन्होंने अन्य व्यवस्थाओं को गलत नहीं कहना चाहिए’।
आयुर्वेद का नाम खराब न करे
Baba Ramdev के द्वारा वैक्सीन पर सवाल उठाया गया, उन्होंने कहा था कि ने अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन को वैक्सीन लगने के बाद भी उन्हें कोरोना हो गया। इसे उन्होंने मेडिकल साइंस की असफलता करार दिया था। इस पर जस्टिस अनूप जयराम के द्वारा कहा गया था कि, मुझे इस बात की चिंता है कि आयुर्वेद का नाम खराब किया जा रहा है। जो आयुर्वेद है वो प्राचीन चिकित्सा की एक बेहतर प्रणाली है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद का नाम खराब न करे।
विदेशी राष्ट्रों के साथ रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं
इसी के साथ जस्टिस अनूप जयराम ने अंतरराष्ट्रीय नेताओं का नाम लेने से मना किया, जिस तरीके से Baba Ramdev ने जो बाइडन का नाम लिया। उन्होंने कहा कि इससे विदेशी राष्ट्रों के साथ हमारे रिश्ते प्रभावित होंगे। बता दें कि इस मामले पर Baba Ramdev के खिलाफ मुकदमें भी दर्ज हो चुके हैं।
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