धारचूला के बाद अतिवृष्टि से अब इस जिले में सैकड़ों नाली जमीन तबाह, फसल भी बर्बाद

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पौड़ी/श्रीनगर, ब्यूरो। उत्तराखंड में अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। दो दिन पहले पिथौरागढ़ के धारचूला नगर में अतिवृष्टि के बाद हाहाकार मच गया था। सेना को मौके पर उतरना पड़ा और स्थानीय लोगों की मदद कर उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। वहीं, अब गढ़वाल मंडल में भी अतिवृष्टि के बाद हालात भयावह हो रहे हैं। कल देर रात पौड़ी जिले के श्रीनगर से लगे दो गांवों में बादल फटने या यूं कहें की अतिवृष्टि के कारण सैकड़ों नाली खेती की जमीन तबाह होकर मलबे में बदल चुकी है। ग्रामीणों के खेतों में पानी और मलबा आ गया है। हालांकि जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार बारिश के बाद हुए भूस्खलन से खेत और खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं।

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जानकारी के अनुसार पौड़ी जिले के खिरसू से खेड़ाखाल रोड पर लालमाती से लगभग दो किमी जोहड़ी गांव और इस गांव से करीब पांच किलोमीटर दूर रेतुड़ गांव में कल देर रात करीब एक बजे अतिवृष्टि के बाद भयंकर भूस्खलन हो गया। इससे कई पेड़ जहां उखड़ गए वहीं, 100 नाली से ज्यादा खेत मलबे में तब्दील हो चुके हैं। जबकि कई खेतों में मलबा और मिट्टी आने से फसल के साथ-साथ सारे खेेत बर्बाद हो गए हैं। जोहड़ी गांव प्रधान अनिल रावत के अनुसार सभी गांव के सभी घर सही-सलामत हैं, लेकिन खेत और खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ है। खिरसू से खेड़ाखाल रोड पर लालमाती से लगभग दो किमी दूरी पर यह गांव है। घटना रात्रि लगभग एक बजे की बताई जा रही है। घटना की सूचना मिलते ही उपजिलाधिकारी श्रीनगर अजयबीर सिंह मौके पर पहुंच गए। दूसरी ओर रेतुड़ गांव में बादल फटने से मलबा और पानी आ गया है। उपजिलाधिकारी श्रीनगर अजयबीर सिंह ने रेतुड़ गांव के लिए एक अन्य राजस्व टीम भेजी है। फिलहाल दोनों गांवों में किसी भी इंसान या पालतु मवेशी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

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