सीएम फेस रहे कर्नल कोठियाल और प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश ने छोड़ी आप

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राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

देहरादून, ब्यूरो। आम आदमी पार्टी उत्तराखंड उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। अब आम आदमी पार्टी के सीएम फेस रहे कर्नल अजय कोठियाल और कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। कर्नल कोठियाल के साथ भूपेश ने भी तमाम आरोप पार्टी के नीति-नियंताओं पर लगाए हैं।

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दरअसल, आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2022 में उत्तराखंड की सभी विधानसभा सीटों से अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे थे, लेकिन एक भी प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाया। गंगोत्री सीट से कर्नल अजय कोठियाल को मैदान में उतारा गया था, लेकिन वह भी नहीं जीत पाए। शायद यही कारण है कि अब आम से उत्तराखंड के नेता किनारा करते जा रहे हैं। इससे पहले भाजपा के रविंद्र जुगरान के साथ कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी पार्टी का दामन छोड़ दिया था।

आज कर्नल अजय कोठियाल ने भी आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को अपना इस्तीफा भेजा है। इसके साथ ही प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय ने तमाम आरोप लगाते हुए आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा सौंपते हुए अपना पत्र भेजा है।

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प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय ने अपने पत्र में लिखा, ‘‘आदरणीय केजरीवाल जी इस पत्र के माध्यम से मैं आज आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ। आपके द्वारा मुझे आम आदमी पार्टी की विचारधारा व कार्यप्रणाली समझाने के बाद मैंने आपके समक्ष 24 अगस्त 2021 को पार्टी की सदस्यता ली थी। पार्टी की सदस्यता दिलवाने से पूर्व आपके द्वारा पार्टी की कार्यप्रणाली व विचारधारा जो मुझको समझायी गयी थी। पार्टी का कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद महसूस हुआ कि पार्टी उन चीजों से बहुत दूर है और आम आदमी पार्टी की विचारधारा व कार्यप्रणाली आम उत्तराखण्डी व उत्तराखण्ड के हित में नहीं है। इसी कारण 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तराखण्ड की जनता ने पार्टी को ठुकराया, आपके व आपके प्रदेश प्रभारी द्वारा पार्टी की नवगठित प्रदेश कार्यकारिणी से पार्टी की उत्तराखण्ड व प्रदेश वासियों के प्रति सोच स्पष्ट होती है।

आपके द्वारा जबरन थोपे गए प्रदेश प्रभारी व सह प्रभारी उत्तराखण्ड में ईस्ट इंडिया कम्पनी के एजेंटों की तरह प्रदेश में पार्टी को हांक कर अपने निजी हितों को साधने का काम कर रहे हैं। इन स्थितियों में में स्वयं को पार्टी के अंदर असहज महसूस कर रहा हूँ, अतः आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ। आपसे निवेदन है कि तुरन्त मेरा इस्तीफा स्वीकार किया जाये। उत्तराखण्ड व उत्तराखण्ड की जनता के हित में संघर्ष जारी रहेगा।’’