फर्जी दस्तावेज से सरकारी गुरु बने थे ये जालसाज, बीएड का भी बनाया प्रमाण पत्र

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एसटीएफ की जांच में खुलासा होने के बाद तीनों को किया बीएसए ने बर्खास्त

देवरिया, ब्यूरो। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की जांच में कागजों में फर्जीवाड़े पुष्टि के बाद प्राथमिक शिक्षा विभाग में तैनात तीन शिक्षकों को बेसिक शिक्षा अधिकारी देवरिया ने बर्खास्त कर दिया है। बलिया में दो शिक्षक और एक महाराजगंज में फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पर शिक्षक लगे हुए थे। इनमों से दो शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों और एक व्यक्ति शिक्षा शास्त्री (बीएड) के फर्जी अंक और प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहा था। बीएसए संतोष कुमार राय ने तीनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को दिया है।

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के गड़वार ब्लाक के विसुकिया गांव के रहने वाले रणजीत कुमार यादव क्षेत्र के ही उच्च प्राथमिक विद्यालय कनैला गडवार में सहायक अध्यापक के रूप में सेवाएं दे रहे थे। उनके ही शैक्षिक अभिलेखों को तोड़-मरोड़ कर एक जालसाज भाटपाररानी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय जावाडीह में प्रधानाध्यापक पद पर सरकारी नौकरी कर रहा था। जालसाज ने भटनी ब्लाक के मायापुर इमिलिया गांव को अपना पता अंकित कराया था। महराजगंज जनपद के नौतनवां ब्लाक के मुडिला निवासी रितेश कुमार सिंह अपने गांव के ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर तैनात हैं। उनके शैक्षकों अभिलेखों पर एक और जालसाज देसही देवरिया ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय नंद टोला में प्रधानाध्यापक पद पर नौकरी कर रहा था। उसने अपना पता जनपद के बेलडरिया गांव अंकित कराया था। दोनों मामले मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि समान होने पर पकड़े गए।

एसटीएएफ मुख्यालय लखनऊ के एसएसपी ने कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट बीएसए को भेजी। बीएसए ने दोनों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा लेकिन सही जवाब नहीं मिला। शहर के रामनाथ देवरिया निवासी रामानुज मिश्र पुत्र बाबूनंदन सदर ब्लाक के कंपोजिट विद्यालय नगउर में सहायक अध्यापक पद पर तैनात था। वह संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी की शिक्षा शास्त्री की फर्जी अंक व प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहा था। एसटीएफ की जांच में इसका भी खुलासा हुआ है।