2 साल 22 लंढेरू कुत्तों के बीच कैद रखा 11 साल का मासूम बेटा, ऐसे हुआ आजाद

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आरोपी दरिंदे मा-बाप अरेस्ट, पड़ोसियों की शिकायत के बाद पुलिस ने कैद मासूम को बचाया

नई दिल्ली/पुणे, ब्यूरो। एक निर्दयी मां-बाप ने अपने 11 वर्षीय मासूम बच्चे को दो साल तक गली के 22 लंढेरू कुत्तों के साथ एक बैडरूम वाले मकान में दो साल तक कैद करके रखा। इन दोनों मां-बाप को कुत्ते पालने का शौक था और वह रोज यहां खाना देने आते थे और एक आध घंटे बाद वहां से चले जाते थे। कमरे में सिर्फ 11 साल का बेटा और 22 लंढेरू कुत्ते ही रहते थे। बच्चा लाॅकडाउन के बाद से ही यहां कैद था। इसके बाद स्कूल खुले तो वह स्कूल के सहपाठियों से भी कुत्तों जैसा बर्ताव करने लगा था। कई बार उसने अपने क्लासमेट को कुत्तों की तरह काटा भी था और जिस घर में वह कैद था वहां भी वह खिड़की पर कुत्तों की तरह हरकत करता था और वैसे ही बर्ताव करने लगा था जैसे कुत्ते करते हैं। आस-पास के लोगों ने कुछ दिन से इस घर से स्मैल आने और बच्चे की हरकतें देखकर पर पुलिस को शिकायत की तो पुलिस इस 1 बीएचके फ्लैट में छापा मारकर मासूम बच्चे और गली के सभी कुत्तों को बाहर किया। इसके बाद युवक को चाइल्ड केयर हेल्पलाइन के हवाले किया गया। वहीं, पुलिस ने पीड़ित बच्चे के दरिंदे मा-बाप भी गिरफ्तार कर लिए हैं।

kuton ke bich kaid

इस बारे में पुणे पुलिस के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सरदार पाटिल ने बताया कि बच्चे को घर में गलत ढंग से कैद करने के लिए उसके मा-बाप शीतल लोधरिया और संजय लोधरिया को गिरफ्तार किया है। दोनों कोंढवा की कृष्णाई बिल्डिंग में रहते हैं। इन्होंने अपने घर में 22 कुत्तों को रखा हुआ था। इनमें से ज्यादातर सड़क से उठाए गए थे। पाटिल ने बताया कि आरोपी दंपती खाना देने के लिए घर में आते थे और फिर कुछ देर वहां रहने के बाद वापस चले जाते थे। कृष्णाई बिल्डिंग के रहने वाले कुछ लोगों ने घर में कैद बच्चे को खिड़की पर खड़े होकर अजीब हरकत करते हुए देखा, इसके बाद चाइल्ड हेल्पलाइन की अनुराधा सहस्रबुद्धे को जानकारी दी। यह बच्चा आमतौर पर बालकनी या खिड़की पर बैठा रहता था। घर में से दिन भर कुत्तों के भौंकने की आवाज आती थी। पिछले एक सप्ताह से घर से दुर्गन्ध आ रही थी, जिसके बाद पड़ोसियों ने परेशान होकर पुलिस को शिकायत की।

शिकायत के बाद पुलिस हरकत में आई और चाइल्ड हेल्लाइन की मदद से कृष्णाई बिल्डिंग के फ्लैट में छापा मारकर कैद बच्चे को निकाला। बाद में उसे चाइल्ड वेलफेयर सेंटर के जरिए बाल सुधार गृह में भेज दिया है। माता-पिता दोनों पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट धारा 23 और 28 में मुकदमा दर्ज किया गया।